झारखंड के दो दिग्गज: शिबू सोरेन और बाबूलाल मरांडी का जन्मदिन आज

रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के केंद्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन का 80वां जन्मदिन 11 जनवरी को है. इसे वृहत स्तर पर आयोजित करने का निर्णय झामुमो पार्टी ने लिया है. 11 जनवरी को शिबू सोरेन के आवास में जिला समिति द्वारा 80 पौंड का केक काटा जायेगा. इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत पार्टी के तमाम वरिष्ठ पदाधिकारी, मंत्री व विधायक भी मौजूद रहेंगे.

प्रदेश के दूसरे दिग्गज नेता जिनका आज जन्मदिन है, वो हैं बाबूलाल मरांडी. वो फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. उनका जन्म 11 जनवरी 1958 में गिरिडीह के कोदाईबांक गांव में हुआ था. वो किसान परिवार से आते हैं. उन्होंने शिक्षक से मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया है.

धनबाद से रहा है पुराना नाता

धनबाद के टुंडी-तोपचांची के पहाड़ या जंगल हों अथवा शहर की सड़कें, हर जगह उनके कदमों के निशान मिल जायेंगे. अलग झारखंड राज्य आंदोलन के दौरान धनबाद उनका मुख्य कार्यक्षेत्र था. बड़ी संख्या में धनबाद के लोग उनके आंदोलन के साथी रहे हैं. ‘लड़ के लेंगे झारखंड’ का उनका नारा हर किसी की जुबान पर हुआ करता था।

जेएमएम आयोजित करेगा ये कार्यक्रम

पार्टी के महासचिव विनोद पांडेय ने बताया कि 80वां जन्मदिन को पूरे राज्य में हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा. अलग-अलग जिलों में भी पार्टी के पदाधिकारी तैयारी कर रहे हैं. गरीबों के बीच फल व कंबल का वितरण किया जायेगा. जो लोग मुख्यालय में हैं, वे गुरुजी के आवास में जाकर उनका जन्मदिन मनायेंगे. रांची में भी गरीबों के बीच फल व कंबल वितरित किये जायेंगे. विभिन्न मोर्चों की अलग-अलग तैयारी है।

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शिबू सोरेन की संघर्ष गाथा

शिबू सोरेन के पिता सोबरन मांझी की 1957 में हत्या कर दी गई थी. वो महाजनी प्रथा के खिलाफ लगातार आंदोलन कर रहे थे. अपने पिता की हत्या के बाद ही शिबू सोरेन आदिवासी हित में उग्र होकर बोलने लगे. उन्होंने धान काटो आंदोलन चलाया. झारखंड मुक्ति मोर्चा का 1972 में गठन हुआ. शिबू सोरेन ने अलग झारखंड की मांग को लेकर आंदोलन चलाया. आपातकाल में उनके नाम का वारंट निकला, उन्होंने तब सरेंडर कर दिया.

बाबूलाल मरांडी की संघर्ष गाथा

बाबूलाल मरांडी फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. झारखंड गठन के बाद वो यहां के पहले मुख्यमंत्री बने थे. 1990 में बाबूलाल मरांडी बीजेपी के संथाल परगना के संगठन मंत्री बने. बाबूलाल मरांडी दुमका में शिबू सोरेन के विजय रथ को रोका. वहां से सांसद बने. साल 2000 में झारखंड गठन के बाद वो राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने. वो अटल जी की सरकार में मंत्री भी बने. साल 2003 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया. बाबूलाल मरांडी ने 2006 में अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा का गठन किया. तीन चुनाव लड़े. साल 2020 में उन्होंने पार्टी का विलय बीजेपी में कर दिया.

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