बिहार।बिहार में सरकार छात्रों पर मेहरबान है। छात्रवृत्ति के लिए 287 करोड़ रुपए सरकार की ओर से जारी कर दिये गए हैं। राज्य में पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग के नौवीं, 10वीं के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति देने का रास्ता साफ हो गया है। राज्य सरकार ने इनकी छात्रवृत्ति वितरण की जिम्मेवारी शिक्षा विभाग को सौंपी गयी है। विभाग ने पिछले दिनों छात्रवृत्ति वितरण योजना को मंजूरी दी थी।

इस छात्रवृत्ति का भुगतान मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत वर्ष 2022-23 के लिए किया जाएगा। इस छात्रवृत्ति का सीधा लाभ सूबे के 15.94 लाख पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को होगा। इसके तहत राज्य के राजकीय, राजकीयकृत, माध्यमिक विद्यालयों में वर्ग 9 से 10 तक में अध्ययन करने वाले पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग के छात्र- छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाएगा।

पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने राज्य योजना मद से माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के लिए ग्राम पंचायतों को सहायता और शिक्षा के तहत 287 करोड़ 1 लाख की राशि जारी की है। विभाग ने संबंधित छात्रवृत्ति योजना के तहत 893.97 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की थी। इसी के तहत यह राशि दी गयी है। छात्रवृत्ति का भुगतान छात्र-छात्राओं के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से किया जाएगा।

शिक्षा विभाग छात्रवृत्ति की राशि के उपयोगिता प्रमाण पत्र को लेकर विशेष सतर्कता बरत रहा है। विभाग के उपसचिव ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि व्यय की गयी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र महालेखाकार को समर्पित करते हुए इसकी सूचना पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को भेजेंगे। इसके लिए समय सीमा भी तय की गयी है। राशि के स्वीकृत होने के 18 माह के अंदर उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा कर देना है। समय पर प्रमाण पत्र नहीं जमा करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

विभाग ने वित्त रहित शिक्षा नीति की समाप्ति के बाद संबद्धता प्राप्त डिग्री कॉलेजों के लिए 250 करोड़ जारी किया है। राज्य सरकार ने वर्ष 2008 में संबद्ध डिग्री कॉलेजों को सहायता अनुदान देने का निर्णय लिया था।

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