चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला पुलिस के समक्ष भाकपा माओवादी के एरिया कमांडर कुलदीप गंजू ने सरेंडर किया है। एरिया कमांडर कुलदीप गंजू नेवासा पुलिस केंद्र में कोल्हान डीआईजी, सीआरपीएफ डीआईजी, डीसी और एसपी की मौजूदगी में सरेंडर किया। चाईबासा एसपी आशुतोष शेखर ने इसकी पुष्टि की है।

झारखंड को नक्सल मुक्त बनाने को लेकर पश्चिमी सिंहभूम जिले में झारखंड पुलिस सीआरपीएफ, कोबरा झारखंड जगुआर समेत अन्य केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के द्वारा नक्सलियों के खिलाफ लगातार सर्च ऑपरेशन कोल्हान के जंगल में चलाया जा रहा था। इसी क्रम में भाकपा माओवादी कुलदीप गंजू के द्वारा पुलिस जवानों से संपर्क कर आत्मसमर्पण की पहल की गई झारखंड पुलिस के आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर कई नक्सलियों ने सरेंडर किया है।

डीआईजी अजय लिंडा ने कहा कि झारखंड सरकार ने राज्य को नक्सल मुक्त करने सुदूर गांव की जनता में सुरक्षा की भावना जगा और विकास कार्यों को सुचारू रूप से चलाने के लिए महानिदेशक और पुलिस महा निरीक्षक के निर्देशन में हर जिले में जिला बल सीआरपीएफ कोबरा और झारखंड जगुआर की सहायता से नक्सलियों के विरुद्ध निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा झारखंड सरकार की नक्सलियों के लिए आत्मसमर्पण नीति के फायदा को भी विभिन्न माध्यमों से नक्सलियों तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।

इस कड़ी में भाकपा नक्सली संगठन के केंद्रीय कमेटी सदस्य मिसिर बेसरा उर्फ सागर जी की टीम के सक्रिय और विश्वासपात्र सदस्य मार्ग दस्ता का सदस्य कोल्हान पोड़ाहाट के दुरूह सुदूर जंगल पहाड़ी क्षेत्रों के चप्पे-चप्पे के जानकार जो नक्सली के दृष्टिकोण से सबसे महत्वपूर्ण और सुरक्षित क्षेत्र माने जाते हैं। 12 वर्षों से सक्रिय भाकपा संगठन के एरिया कमांडर क्रियावादी कुलदीप उर्फ कुलदीप गंजू उम्र करीब 24 वर्ष ने चाईबसा पुलिस व प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण किया है।

आत्मसमर्पण करने वाले कुलदीप गंजू ने बताया कि भागवा माओवादी संगठन में बड़े नेताओं के द्वारा छोटे नेताओं का शोषण किया जाता है। इसके साथ ही संगठन में महिला नक्सलियों के साथ हुए दुर्व्यवहार और शोषण किया जाता था। जिसे देखकर उन्होंने मुख्यधारा से जोड़ने का फैसला लिया। एक सवाल के जवाब में उसने बताया कि नक्सलियों को मणिपुर और देश के अन्य हिस्सों में प्रशिक्षकों के द्वारा ट्रेनिंग दी जाती थी। भाकपा संगठन के एरिया कमांडर कुलदीप उर्फ टुईनू के विरुद्ध अलग-अलग थानों में लगभग आधा दर्जन मामले दर्ज है। वह काफी समय तक झारखंड ओडिशा के सारंडा क्षेत्र में सक्रिय रहा और कई नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया। हाल ही सबसे बड़ी घटना बहुचर्चित झिलरुआ कांड में भी संलिप्त रहा। इसमें कुलदीप एक्शन टीम में शामिल था।

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