मानसून पर बड़ी खबर: इस साल मानसून में होगी ज्यादा बारिश, जानिये झारखंड बिहार में कब से शुरू होगी मानसून की बारिश

Mansoon Update : इस बार मानसून में जमकर बारिश होने वाली है। मौसम विभाग ने मानसून को लेकर जो भविष्यवाणी की है, वो करोड़ों लोगों के लिए राहत की खबर बन सकती है। स्काइमेट वेदर ने अपने ताजा अनुमान में कहा है कि इस साल मानसून सामान्य रहेगा, यानी देश भर में अच्छी बारिश देखने को मिलेगी।
देश के पश्चिमी तट एवं मध्य भागों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। उत्तर पूर्वी राज्यों के साथ जम्मू-कश्मीर और पहाड़ी इलाकों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। भारतीय तट पर मानसून कब दस्तक देगा, इसका आकलन अभी नहीं किया जा सका है। मगर मानसून का प्रवेश केरल के रास्ते होता है, जहां सामान्य तौर पर एक जून को सक्रिय होता है।
फिर धीरे-धीरे दक्षिण भारत के राज्यों से आगे बढ़ते हुए बंगाल की खाड़ी के सहारे मध्य एवं उत्तर भारत की ओर बढ़ता है। जून में मानसून की रफ्तार थोड़ी कम हो सकती है, क्योंकि ला-नीना का असर कुछ दिन तक रह सकता है। जून में औसत से चार प्रतिशत कम बारिश हो सकती है, लेकिन अगले महीने से बारिश रफ्तार पकड़ लेगी।
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जुलाई, अगस्त एवं सितंबर में औसत से ज्यादा बारिश होगी। अगस्त में आठ प्रतिशत ज्यादा वर्षा हो सकती है। खेती के लिहाज से यह महीना ज्यादा अनुकूल होता है।यह खबर खेती, पेयजल और बिजली जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए बेहद सकारात्मक मानी जा रही है। लिहाजा, माना जा रहा है कि देश के करोड़ों किसानों और आम जनता के लिए 2025 का मानसून राहत की सौगात लेकर आ सकता है।
जून से सितंबर तक 3% ज्यादा बारिश का अनुमान
2025 के मानसून सीजन में देश में औसत से करीब 3% अधिक वर्षा होने का अनुमान जताया गया है। भारत में मानसून के दौरान सामान्य बारिश का औसत (LPA) 868.6 मिमी होता है, जबकि इस बार करीब 895 मिमी बारिश हो सकती है।
महीना अनुमानित बारिश (%) सामान्य बारिश (मिमी)
जून 96% 165.3 मिमी
जुलाई 102% 280.5 मिमी
अगस्त 108% 254.9 मिमी
सितंबर 104% 167.9 मिमी
कहां होगी कितनी बारिश?
• ज्यादा बारिश:
o जून में केरल, कर्नाटक, कोंकण और गोवा
o जुलाई में पश्चिमी घाट (महाराष्ट्र और कर्नाटक)
o अगस्त में बिहार, झारखंड, ओडिशा जैसे पूर्वी राज्यों
o सितंबर में राजस्थान और गुजरात
• कम बारिश:
o असम, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर
o तमिलनाडु और तटीय आंध्र प्रदेश में सितंबर में थोड़ी कमी
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मौसम को समर्थन देंगे ये कारक
इस साल एल-नीनो (El Niño) कमजोर पड़ता दिख रहा है, जिससे मानसून पर कोई खास नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। इसके अलावा हिंद महासागर डाइपोल (Indian Ocean Dipole) भी सामान्य रहने की संभावना है, जो मानसून को मजबूत बनाने में मदद करेगा।