EV यूज़र्स के लिए बड़ी खबर: सरकार ने बदले चार्जिंग नियम, रात में चार्जिंग हुई महंगी…

तिरुवनंतपुरम, 6 मई 2025 — इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) चलाने वाले लोगों को अब चार्जिंग की टाइमिंग पर और भी अधिक ध्यान देना होगा, क्योंकि केरल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (KSERC) ने EV चार्जिंग टैरिफ में बड़ा बदलाव किया है। नए नियमों के तहत, रात में वाहन चार्ज करना जेब पर भारी पड़ सकता है।
अब से चार्जिंग दरों को दो टाइम ज़ोन में बांटा गया है — सोलर पीरियड और नॉन-सोलर पीरियड:(EV यूज़र्स के लिए बड़ी खबर)
सोलर पीरियड (सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक): इस समय EV चार्ज करने पर उपभोक्ताओं को 30% कम टैरिफ देना होगा। यानी अगर पहले चार्जिंग ₹100 की पड़ती थी, अब सिर्फ ₹70 लगेंगे।
नॉन-सोलर पीरियड (शाम 4 बजे से सुबह 9 बजे तक): इस समय चार्जिंग करने पर 30% अधिक टैरिफ देना होगा, यानी वही चार्जिंग अब ₹130 की पड़ेगी।
कहां लागू होंगे ये बदलाव?(EV यूज़र्स के लिए बड़ी खबर)
यह नया टैरिफ स्ट्रक्चर सिर्फ पब्लिक EV चार्जिंग स्टेशनों पर लागू होगा। घरेलू चार्जिंग इस दायरे में नहीं आएगी। हालांकि यह नियम फिलहाल केरल राज्य तक ही सीमित है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह मॉडल आने वाले समय में देश के अन्य राज्यों में भी अपनाया जा सकता है।
चार्जिंग कंपनियों और ग्राहकों पर असर(EV यूज़र्स के लिए बड़ी खबर)
जो चार्जिंग स्टेशन सौर ऊर्जा पर आधारित हैं, उन्हें दिन के समय में अधिकतम उपयोग करने की योजना बनानी होगी। यदि वे ऐसा नहीं कर पाते, तो उन्हें अतिरिक्त बिजली खरीदनी पड़ेगी, जो महंगी साबित हो सकती है। वहीं, उपभोक्ताओं को अब सिर्फ EV चलाने की दूरी नहीं, बल्कि चार्जिंग की टाइमिंग भी प्लान करनी होगी।
सरकार की मंशा: ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा(EV यूज़र्स के लिए बड़ी खबर)
सरकार का यह कदम साफ तौर पर ग्रीन एनर्जी को प्रमोट करने और ग्रिड पर नाइट टाइम लोड को कम करने की दिशा में उठाया गया है। यह टैरिफ प्रणाली उपभोक्ताओं को दिन के समय अधिक चार्जिंग करने के लिए प्रेरित करेगी, जिससे सौर ऊर्जा का बेहतर उपयोग संभव होगा।
नया नियम: राहत या मुश्किल?(EV यूज़र्स के लिए बड़ी खबर)
जो उपभोक्ता दिन में चार्जिंग की सुविधा रखते हैं, उनके लिए यह व्यवस्था लाभकारी होगी। लेकिन जो लोग ऑफिस या यात्रा से लौटने के बाद रात में ही चार्जिंग कर पाते हैं, उन्हें अब ज्यादा भुगतान करना होगा।
निस्संदेह, EV चार्जिंग अब सिर्फ तकनीक नहीं, एक स्मार्ट टाइमिंग की रणनीति भी बन गई है।