बड़ी खबर: कर्मचारियों को Tax में मिलेगी बड़ी छूट, 10.50 लाख तक की सैलरी पर नहीं लगेगा टैक्स? मिडिल क्लास टैक्सपेयर को राहत देने की तैयारी

Big news: Employees will get big tax exemption, there will be no tax on salary up to Rs 10.50 lakh? Preparation to provide relief to middle class taxpayers

Income Tax News: नौकरीपेशा कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। इस बार बजट में सरकारी कर्मचारियों को सरकार बड़ी छूट देने की तैयारी में है। जानकारी के मुताबिक वित्त मंत्रालय बजट में मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स को सरकार की ओर से बड़ी राहत देने की तैयारी में है। खबरें आ रही हैं कि सरकार इस बार के बजट में 10.5 लाख रुपये तक के सालाना वेतन पर टैक्स देनदारी को घटा सकती है।

 

1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले आगामी बजट में इसकी घोषणा की जा सकती है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य धीमी अर्थव्यवस्था और बढ़ती महंगाई के बीच खपत को बढ़ावा देना है। वर्तमान में ₹3 लाख से ₹10.5 लाख तक की आय पर 5% से 20% तक कर लगाया जाता है, जबकि ₹10.5 लाख से अधिक की आय पर 30% की दर लागू होती है।

 

ओल्ड रिजीम: जिसमें हाउस रेंट और बीमा जैसी छूट शामिल हैं। न्यू रिजीम (2020): जो कम टैक्स दरों के साथ आता है लेकिन अधिकांश छूट हटा दी जाती हैं। प्रस्तावित कटौती के जरिए सरकार अधिक लोगों को 2020 के स्ट्रक्चर को अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहती है।

 

बजट के जरिए दो तरह के फैसले लिए जा सकते हैं। पहली यह कि सरकार आयकर की छूट सीमा को बढ़ा सकती है। वहीं, दूसरे में सरकार कार या मकान की खरीद पर टैक्स कम करने राहत दे सकती है। पिछले बजट में सरकार ने पुरानी कर व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया। लेकिन, नई व्यवस्था के तहत वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया था।

इसका मतलब है कि फिलहाल सात लाख तक सालाना आमदनी वालों को स्टैंडर्ड डिडक्शन लगने के बाद कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है। हालांकि, महंगाई और दूसरे आर्थिक पहलुओं के मद्देनजर लोग मांग कर रहे हैं कि आयकर छूट की सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए। इसी तरह दूसरे टैक्स में राहत देने फैसला भी लिया जा सकता है।

 

वर्तमान टैक्स संरचना और प्रस्तावित कटौती

अभी देश में 3 लाख से ₹10.5 लाख तक की आय पर 5% से 20% तक टैक्स लगाया जाता है। ₹10.5 लाख से अधिक की आय पर 30% टैक्स दर लागू होती है। यदि सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो टैक्स स्लैब में कटौती की जाएगी, जिससे मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स बोझ कम हो सकता है।

 

इसके साथ ही, सरकार उन करदाताओं को भी आकर्षित करने का प्रयास कर रही है, जो न्यू रिजीम (2020) को अपनाने से हिचकिचाते हैं। इस रिजीम में कम टैक्स दरें हैं, लेकिन अधिकांश छूट हटा दी गई हैं। प्रस्तावित कटौती के जरिए, सरकार चाहती है कि अधिक लोग न्यू रिजीम को अपनाएं, ताकि देश के कर ढांचे को सरल बनाया जा सके और कर वसूली में वृद्धि हो।

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