झारखंड- स्वास्थ्य विभाग का बड़ा फैसला, अब ब्लड बैंक में खून का नहीं मिलेगा रिप्लेसमेंट, ब्लड बैंक के कर्मचारियों की नियुक्ति में भी इन निर्देशों का करना होगा पालन
Jharkhand: The Health Department has taken a major decision, with blood banks no longer providing replacement blood. These guidelines must also be followed in the recruitment of blood bank employees.

रांची। चाईबासा सदर अस्पताल में हुई घटना के बाद झारखंड का स्वास्थ्य विभाग काफी सतर्क हो गया है। राज्य सरकार ने निर्देश दिया है कि किसी भी परिस्थिति में अब ब्लड बैंक में ब्लड रिप्लेसमेंट नहीं होगा। साथ ही अब ब्लड बैंक में प्रशिक्षित और सक्षम अधिकारी-कर्मचारी की नियुक्ति की जायेगी। दरअसल गुरुवार को चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने सभी जिलों के सिविल सर्जनों के साथ बैठक की।
बैठक में ब्लड डोनेशन को प्रोत्साहित करने, ब्लड रिप्लेसमेंट पर रोक, एलिसा टेस्ट सुविधा सुनिश्चित करने, और ई-रक्त पोर्टल पर डेटा अपडेट करने जैसे कई अहम निर्देश दिए गए।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य था — ब्लड बैंकों का सुचारू संचालन, नेशनल ब्लड पॉलिसी 2002 का प्रभावी क्रियान्वयन, और रक्तदान को लेकर जनता में जागरूकता बढ़ाना।
अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलों को निर्देश दिया कि ज्यादा से ज्यादा ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि सभी एनजीओ, सामाजिक संगठन और स्वयंसेवी संस्थाओं को इस मुहिम से जोड़ा जाए ताकि वॉलंटरी ब्लड डोनेशन को एक जनआंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया जा सके।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी परिस्थिति में ब्लड रिप्लेसमेंट नहीं किया जाएगा। ब्लड कलेक्शन केवल स्वैच्छिक दाताओं (Voluntary Donors) के माध्यम से ही किया जाए। उन्होंने कहा कि रक्तदान एक सेवा है, इसे लेन-देन की प्रक्रिया नहीं बनने देना चाहिए।
बैठक के दौरान सिंह ने सभी सिविल सर्जनों को आदेश दिया कि वे जिला उपायुक्त (DC) के साथ बैठक कर सरकारी और निजी ब्लड बैंकों की ऑडिट रिपोर्ट शनिवार तक प्रस्तुत करें। उन्होंने ब्लड बैंकों में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुधार पर विशेष बल दिया।
उन्होंने कहा कि जहां भी एलिसा टेस्ट (ELISA Test) की सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां इसे तत्काल प्रभाव से स्थापित किया जाए। ब्लड टेस्टिंग में फोर्थ जनरेशन किट्स का उपयोग सुनिश्चित किया जाए ताकि संक्रमण की संभावना को न्यूनतम किया जा सके। इसके अलावा अपर मुख्य सचिव ने सभी ब्लड बैंकों को निर्देश दिया कि वे अपने लाइसेंस के नवीनीकरण (Renewal) अथवा नए लाइसेंस के आवेदन को अनिवार्य रूप से ONDLS पोर्टल पर ऑनलाइन सबमिट करें। उन्होंने ड्रग डायरेक्टर को शीघ्र एक अपडेटेड रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।
बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि सभी जिलों में ब्लड सेपरेशन मशीन की स्थापना जल्द से जल्द की जाए, ताकि रक्त के विभिन्न घटकों (Components) को अलग कर मरीजों की जरूरत के अनुसार उपयोग किया जा सके।अपर मुख्य सचिव ने डेटा प्रबंधन पर भी जोर देते हुए कहा कि ब्लड डोनर, थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित सभी मरीजों का पूरा रिकॉर्ड ई-रक्त पोर्टल पर अपडेट किया जाए। साथ ही आरटी-पीसीआर और ट्रूनेट मशीनों को अद्यतन किया जाए ताकि जांच में कोई देरी न हो।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि प्रत्येक ब्लड बैंक का प्रभारी एमडी पैथोलॉजी डॉक्टर होना चाहिए और उन्हें अन्यत्र प्रतिनियुक्त नहीं किया जाए। यदि किसी जिले में एमडी पैथोलॉजिस्ट उपलब्ध नहीं हैं, तो शीघ्र नियुक्ति की जाए। साथ ही टेक्निकल स्टाफ और काउंसलर की नियुक्ति आउटसोर्सिंग के माध्यम से की जाए।



















