मोदी सरकार का बड़ा बदलाव: काम के घंटे बढ़े..अब 8 घंटे की नहीं इतने घंटे की मान्य होंगी Duty.. नए श्रम कोड से बदल जाएगी हर मजदूर की जिंदगी

मोदी सरकार का बड़ा बदलाव: काम के घंटे बढ़े..अब 8 घंटे की नहीं इतने घंटे की मान्य होंगी Duty.. नए श्रम कोड से बदल जाएगी हर मजदूर की जिंदगी
नई दिल्ली: भारत ने शुक्रवार को श्रम कानूनों में ऐतिहासिक बदलाव किया है। सरकार ने 29 पुराने कानूनों को सिर्फ 4 श्रम संहिताओं में समाहित कर दिया है, जिससे अब श्रमिकों के अधिकार और उद्योगों के नियम दोनों आधुनिक और स्पष्ट हो जाएंगे।
काम के घंटे अब और लंबे
फैक्टरी और उद्योगों में काम के घंटे 9 से बढ़कर 12 कर दिए गए हैं।
दुकानों और प्रतिष्ठानों में काम के घंटे 9 से 10 कर दिए गए हैं।
यह बदलाव नियोक्ता और श्रमिक दोनों के लिए नियमों को आधुनिक और संगठित बनाने के लिए किया गया है।
कंपनियों को मिली छंटनी में सहूलियत
पहले 100 या अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों को सरकारी अनुमति लेनी पड़ती थी।
अब यह सीमा बढ़ाकर 300 कर्मचारियों तक कर दी गई है।
मजदूर संगठनों ने चिंता जताई है, लेकिन सरकार का कहना है कि यह रोजगार सृजन और उद्योगों की लचीलापन के लिए जरूरी है।
गिग वर्कर्स और सभी श्रमिकों के लिए नए अधिकार
यूनिवर्सल सामाजिक सुरक्षा
अनिवार्य नियुक्ति पत्र, न्यूनतम मजदूरी और समय पर भुगतान
महिलाओं, रात पाली में काम करने वालों और 40+ उम्र के श्रमिकों के लिए विशेष सुरक्षा उपाय
चार श्रम संहिताएं
वेतन संहिता 2019: न्यूनतम मजदूरी और समय पर वेतन भुगतान
औद्योगिक संबंध संहिता 2020: उद्योगों में श्रमिक और नियोक्ता संबंध
सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020: PF, ESIC और बीमा सहित सभी श्रमिकों के लिए सुरक्षा
व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य दशा संहिता 2020: कार्यस्थल की सुरक्षा और स्वास्थ्य
बदलाव क्यों महत्वपूर्ण
पिछले 10 वर्षों में सामाजिक सुरक्षा कवरेज 19% से बढ़कर 64% हो चुका है।
अब गिग वर्कर्स, डिजिटल मीडियाकर्मी, स्टंट कलाकार और मंच श्रमिक भी पूरी सामाजिक सुरक्षा के हकदार हैं।
यह सुधार भविष्य के कार्यबल और मजबूत उद्योगों की नींव रखेगा, जिससे भारत का श्रम और आर्थिक विकास दोनों मजबूत होंगे।









