झारखंड RJD में बड़ा बदलाव? विधायक संजय कुमार सिंह यादव को फिर मिल सकती है प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी

Big change in Jharkhand RJD? MLA Sanjay Kumar Singh Yadav may again get the responsibility of state president

झारखंड राजद की कमान एक बार फिर विधायक संजय कुमार सिंह यादव को मिल सकती है. दरअसल, झारखंड राजद संगठन चुनाव-2025-28 चुनाव में रविवार को स्क्रूटनी के दौरान भारी हंगामे के बीच पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अभय कुमार सिंह और प्रदेश उपाध्यक्ष रहे सदाकत हुसैन अंसारी का नामांकन रद्द हो गया.  जिससे विधायक संजय सिंह यादव का फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनने का रास्ता साफ हो गया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्य निर्वाची पदाधिकारी गिरधारी गोप ने इस बारे में बताया कि रविवार को स्क्रूटनी के दौरान नामांकन प्रपत्र में प्रस्तावक के रूप में राज्य परिषद के सदस्यों के हस्ताक्षर नहीं होने के पर दो नामांकन को रद्द किया गया है. सिर्फ संजय कुमार सिंह यादव का नामांकन वैध पाया गया है.

14 जून को प्रदेश अध्यक्ष के लिए दाखिल किया था नामांकन

गौरतलब है कि 14 जून को झारखंड राजद प्रदेश अध्यक्ष पद के लए तीन उम्मीदवारों ने नामांकन किया था. जिसमें विधायक संजय कुमार सिंह यादव,  प्रदेश उपाध्यक्ष रहे सदाकत हुसैन और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अभय कुमार सिंह ने नामांकन दाखिल किया था.

19 जून को नए अध्यक्ष की होगी घोषणा!

लेकिन अब संजय कुमार सिंह यादव को छोड़ दोनों के आवेदन अवैध पाये गए. जिसके वजह से अब संजय सिहं यादव के प्रदेश अध्यक्ष बनने का रास्त साफ हो गया. और उन्हें दोबार से अध्यक्ष पद की कमान सौंपी जा सकती है. बहुत संभावना जताई जा रही है कि नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा 19 जून को किया जा सकता है.

नामांकन पत्र अवैध करार होने के बाद अभय सिंह ने क्या कहा?

इधर, झारखंड राजद प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में स्क्रूटनी के दौरान हंगामा के बाद पार्टी कार्यालय से बाहर निकलते हुए अभय सिंह ने कहा कि नामांकन प्रपत्र में राज्य परिषद सदस्य का प्रस्तावक बनना जरूरी नहीं होता है.

यहां मनमानी हुई है. नामांकन प्रपत्र में प्रस्तावक के रूप में राज्य परिषद के सदस्य का हस्ताक्षर नहीं होने पर राज्य निर्वाची पदाधिकारी ने जब सवाल उठाये तो उम्मीदवार अभय कुमार सिंह और उनके समर्थक अजीत कुमार मुकुल ने इसका जोरदार विरोध किया और हंगामा किया.

वहीं सदाकत हुसैन अंसारी ने भी नामांकन प्रपत्र को रद्द किए जाने को अवैध बताते हुए आलाकमान से शिकायत करने की बात कही है.

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