Big Breaking: वक्फ कानून लागू रहेगा या होगा स्थगित… जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिया आदेश जिसपर टिकी थे देश भर की निगाहें

Suprim Court news:सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून से जुड़े मामले में अहम फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालत ने वक्फ कानून से जुड़ी कुछ धाराओं पर रोक लगा दी है। अदालत ने वक्फ कानून की धारा 3 और धारा 4 पर रोक लगा दी है।

सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि हमारे पास पूरे कानून पर रोक लगाने का अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये फैसला कानून की संवैधानिकता पर नहीं है। अदालत ने कहा कि वक्फ बोर्ड का सीईओ मुस्लिम समुदाय से हो। कोर्ट ने कहा कि वक्फ बोर्ड को 11 सदस्यों में तीन से अधिक गैर -मुस्लिम ना हो। कोर्ट ने इसके साथ ही राजस्व से संबंधित कानून पर रोक लगाई है।
वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने पूरे कानून पर रोक नहीं लगाई, लेकिन कुछ विवादित नियमों को फिलहाल लागू होने से रोक दिया। ये कदम खासकर उन धाराओं को लेकर है, जिनसे मुस्लिम अनुयायियों और कलेक्टर की शक्तियों पर सवाल उठ रहे थे।सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 के संचालन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।

पांच साल की शर्त पर SC की रोक
एक अहम विवादित नियम कहता था कि कोई भी व्यक्ति वक्फ तभी बना सकता है, जब वह कम से कम पांच साल से इस्लाम का अनुयायी हो। सुप्रीम कोर्ट ने इसे फिलहाल रोक दिया है। अदालत ने कहा कि अब तक यह तय करने का तरीका नहीं है कि कोई पांच साल से मुस्लिम है या नहीं, इसलिए इसे रोकना जरूरी था।
कलेक्टर नहीं दे पाएंगे सीधे दखल
अदालत ने यह भी साफ किया कि कलेक्टर को यह तय करने का अधिकार नहीं मिल सकता कि कोई संपत्ति सरकारी है या वक्फ। ऐसा करना शक्ति बंटवारे के सिद्धांत के खिलाफ माना गया।
क्या है धारा 3C
धारा 3C: कलेक्टर को संपत्ति अधिकार तय करने का अधिकार देना शक्तियों के पृथक्करण (separation of powers) का उल्लंघन है। अंतिम निर्णय तक संपत्ति अधिकार प्रभावित नहीं होंगे और वक़्फ़ को कब्ज़े से वंचित नहीं किया जाएगा।
गैर-मुस्लिम सदस्यों और रजिस्ट्रेशन
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या के नियम पर भी अपनी राय दी। बोर्ड में तीन से ज्यादा और चार से कम सदस्य नहीं हो सकते। रजिस्ट्रेशन की समय सीमा बढ़ाई गई है, लेकिन उस प्रावधान पर रोक नहीं लगी।
धारा 2(c) का उपबंध: जब तक नामित अधिकारी की रिपोर्ट दाख़िल नहीं होती, संपत्ति को वक़्फ़ संपत्ति न माना जाए – यह प्रावधान स्थगित।
वक्फ बोर्ड क्या है?
वक्फ बोर्ड एक वैधानिक संस्था है, जो मुस्लिम समुदाय की ओर से धार्मिक, सामाजिक और परोपकारी कामों के लिए दी गई संपत्तियों का प्रबंधन करती है। इन संपत्तियों में मस्जिदें, कब्रिस्तान, मदरसे, दरगाहें, स्कूल, दुकानें, कृषि भूमि और अन्य संस्थान शामिल हो सकते हैं।
कितनी संपत्ति है वक्फ बोर्ड के पास
फिलहाल देश में 30 राज्य वक्फ बोर्ड हैं। ये लगभग 8.7 लाख संपत्तियों का देखरेख करते हैं, जो करीब 9.4 लाख एकड़ जमीन पर फैली हैं। इनकी मार्केट वैल्यू का अनुमान 1.2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। जमीन के हिसाब से वक्फ बोर्ड देश का तीसरा सबसे बड़ा मालिक है, रेलवे और आर्म्ड फोर्सेज के बाद।

केवल दुर्लभ मामलों में ही रोक
सीजेआई ने कहा कि हमने यह माना है कि किसी कानून की संवैधानिकता का अनुमान हमेशा उसके पक्ष में होता है। केवल अत्यंत दुर्लभ मामलों में ही उस पर रोक लगाई जाती है। उन्होंने कहा कि हमने 1923 के अधिनियम से लेकर अब तक की विधायी पृष्ठभूमि का अध्ययन किया है। हमने प्रत्येक धारा को लेकर प्राथमिक स्तर पर चुनौती पर विचार किया, और पक्षों को सुनने के बाद यह पाया कि पूरे अधिनियम के प्रावधानों पर रोक लगाने का मामला सिद्ध नहीं हुआ है।








