Big Breaking: उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा

Big Breaking: Vice President Jagdeep Dhankhar resigns

नई दिल्ली:  देश के उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कहा कि यह निर्णय उन्होंने डॉक्टरों की सलाह पर लिया है और अब वे अपने स्वास्थ्य की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए आगे का समय चिकित्सा देखभाल में बिताएंगे।

 

राष्ट्रपति भवन से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि श्री धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र सौंपा है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “हाल के दिनों में मेरे स्वास्थ्य की स्थिति को लेकर डॉक्टरों ने दीर्घकालीन चिकित्सकीय देखभाल की सलाह दी है। ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि मैं अपने कर्तव्यों से विराम लूं और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दूं।”

 

श्री जगदीप धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उप राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला था। वे एक अनुभवी राजनेता रहे हैं और विभिन्न संवैधानिक भूमिकाओं में अपनी सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं, जिनमें पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का कार्यकाल भी शामिल है।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सहित कई प्रमुख नेताओं ने श्री धनखड़ के योगदान की सराहना करते हुए उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। संसद भवन परिसर में भी उनके इस्तीफे की खबर आने के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल देखी गई।

 

अब देश में यह चर्चा शुरू हो गई है कि अगला उप राष्ट्रपति कौन होगा और राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया कब प्रारंभ की जाएगी।

 

धनखड़ के इस निर्णय से देशवासियों में चिंता जरूर हुई है, लेकिन सभी उनके अच्छे स्वास्थ्य और शीघ्र पुनः स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।

धनखड़ ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा है। राष्ट्रपति को संबोधित एक औपचारिक पत्र में उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी कारणों और चिकित्सकीय सलाह का हवाला देते हुए अपने निर्णय की जानकारी दी है। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 67(a) के अंतर्गत अपने पद से त्यागपत्र की घोषणा की है।

 

इस अप्रत्याशित कदम ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। उपराष्ट्रपति न केवल राज्यसभा के सभापति होते हैं, बल्कि उनका पद संवैधानिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। जगदीप धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रह चुके हैं और एक वरिष्ठ वकील के रूप में लंबा अनुभव रखते हैं।

 

धनखड़ का इस्तीफा ऐसे समय पर आया है जब सरकार और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर टकराव बना हुआ है। मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दलों ने सरकार को कई मोर्चों पर घेरा हुआ है, ऐसे में उपराष्ट्रपति की भूमिका और भी अहम मानी जाती है।

 

फिलहाल राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से उनके इस्तीफे को लेकर औपचारिक पुष्टि की प्रतीक्षा की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति जल्द ही उनका इस्तीफा स्वीकार कर सकती हैं और कार्यवाहक उपराष्ट्रपति की जिम्मेदारी पर निर्णय लिया जा सकता है।

Related Articles