बिग ब्रेकिंग: कैबिनेट ने 8th Pay Commission को दी मंजूरी, टर्म आफ रेफरेंस को मंजूरी, 18 महीने के भीतर कमेटी की सिफारिश…
Big Breaking: Cabinet approves 8th Pay Commission, terms of reference approved, committee's recommendation within 18 months...

Big Breaking News : 8th Pay Commission को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। केंद्रीय कैबिनेट ने 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस को मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई को चेयरमैन बनाया गया है।आयोग 18 महीने में अपनी सिफारिशें देगा। इससे करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनर्स को फायदा मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सरकार ने जनवरी में 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी थी लेकिन अब जाकर इसका गठन कर दिया गया है।
बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) के लिए ‘टर्म्स ऑफ रेफरेंस’ (terms of reference) को मंजूरी दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज रंजना प्रकाश देसाई चेयरपर्सन होंगी। साथ ही आईआईएम बैंगलोर के प्रोफेसर पुलक घोष पार्ट टाइम मेंबर होंगे। पंकज जैन इसके मेंबर सचिव होंगे। वह अभी पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस में सचिव हैं।यह 8वां केंद्रीय वेतन आयोग एक अस्थायी संस्था होगी। इसे गठित होने की तारीख से 18 महीने के अंदर अपनी सिफारिशें देनी होंगी। इस आयोग में एक अध्यक्ष, एक अंशकालिक सदस्य और एक सदस्य-सचिव होंगे।
अगर जरूरत पड़ी तो आयोग किसी भी मामले पर अपनी सिफारिशें फाइनल होने पर बीच में भी रिपोर्ट दे सकता है।आधिकारिक बयान के अनुसार, यह आयोग एक अस्थायी निकाय होगा जिसमें एक अध्यक्ष, एक अंशकालिक सदस्य (Part-Time Member) और एक सदस्य-सचिव (Member Secretary) शामिल होंगे। आयोग को अपने गठन की तिथि से 18 महीनों के भीतर अपनी अंतिम सिफारिशें सरकार को सौंपनी होंगी। साथ ही, आवश्यकता पड़ने पर यह आयोग विशेष विषयों पर अंतरिम रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर सकेगा।
सरकार ने आयोग को निर्देश दिया है कि वह अपनी रिपोर्ट तैयार करते समय देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति, राजकोषीय अनुशासन (Fiscal Discipline) और विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं के लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता को ध्यान में रखे। आयोग को यह सुनिश्चित करना होगा कि राजस्व पर बोझ बढ़ाए बिना कर्मचारियों के हितों की रक्षा की जा सके।
8वें वेतन आयोग का कार्यक्षेत्र केवल वेतन संरचना तक सीमित नहीं रहेगा। यह गैर-अंशदायी पेंशन योजनाओं (Non-Contributory Pension Schemes) के वित्तीय प्रभाव, राज्य सरकारों पर संभावित असर (क्योंकि अधिकांश राज्य केंद्र के वेतन आयोग की सिफारिशों को संशोधित रूप में अपनाते हैं) और केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (CPSUs) एवं निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतनमान और कार्य-स्थितियों का भी अध्ययन करेगा।
केंद्रीय वेतन आयोग आमतौर पर हर दस वर्ष में गठित किए जाते हैं। पिछली बार 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2016 में लागू हुई थीं। इसी क्रम में, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें जनवरी 2026 से प्रभावी होने की संभावना है।
अधिकारियों का कहना है कि इस बार आयोग के सामने सबसे बड़ी चुनौती आर्थिक अनुशासन और कर्मचारियों के कल्याण के बीच संतुलन बनाने की होगी। बढ़ती महंगाई और जीवन-यापन की लागत के मद्देनजर यह आयोग भविष्य के सरकारी वेतन ढांचे को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।



















