27 साल बाद ‘भगवान’ को मिली रिहाई, लोगों ने कहा- ‘यह एक ऐतिहासिक दिन’

बिहार ।
बिहार के आरा में पुलिस थाने के मालखाने में 27 वर्षों से कैद भगवान को मंगलवार को आखिरकार रिहाई मिल गई है. कोर्ट के आदेश के भक्तों में खुशी की लहर देखने को मिली है. आरा सिविल कोर्ट के एडीजे-3 सतेन्द्र सिंह ने रिलीज आर्डर जारी किया था.
आदेश जारी होने के बाद बड़हरा प्रखंड के कृष्णागढ़ ओपी के मालखाने से अष्टधातु की बनी भगवान हनुमान जी और संत बरबर स्वामी की मूर्तियां बाहर निकाला गईं. भक्तों ने मूर्तियों की विधिवत पूजा की और पूरे इलाके में भव्य शोभायात्रा निकाली. लोगों का कहना है कि दोनों मूर्तियों को गुंडी गांव स्थित श्रीरंगनाथ भगवान के मंदिर में पुनः स्थापना कराया जाएगा.
दरअसल, करीब 29 साल पहले 29 मई 1994 को बड़हरा प्रखंड अंतर्गत गुंड़ी गांव स्थित श्रीरंगनाथ भगवान मंदिर में स्थापित अष्ट धातु के बनी भगवान हनुमान और संत बरबर स्वामी की मूर्ति को अज्ञात चोरों ने चोरी कर ली गई थी.
तत्कालीन मंदिर के पुजारी जनेश्वर द्विवेदी ने कृष्णागढ़ ओपी थाने में मूर्ति चोरी का आरोप लगाते हुए अज्ञात चोरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. पुलिस ने 25 मई 1996 को नगर थाना क्षेत्र के भलुही पुर गौसगंज बाधार के चोंचाबाग स्थित कुएं से दोनों मूर्तियों को बरामद कर लिया था और थाने ले आई थी.
27 साल से मूर्तियां थाने के मालखाने में रखी हुई थीं. लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद कोर्ट में यह केस डिस्पोजल हो गया और थाने के मालखाने में कैद दोनों मूर्तियों को आखिरकार कोर्ट के रिलीज ऑर्डर के बाद रिहा कर दिया गया.
जैसे ही कोर्ट से रिलीज ऑर्डर आया पूर्वी गुंडी पंचायत के मुखिया कृष्णा कुमार सिंह और उनके गांव के लोगों पर खुशी की लहर दौड़ गई. मालखाने से मूर्तियां बाहर आने के बाद उनकी पूजा की गई और दर्जनों लोगों ने मूर्तियों की शोभायात्रा निकाली.