“ED समन में QR Code का फायदा: असली या फर्जी समन की पहचान कैसे करें? देखें 3 चौंकाने वाली केस स्टडी”
"The benefits of QR codes in ED summons: How to identify genuine or fake summons? Check out 3 shocking case studies."

रांची: ईडी (Enforcement Directorate) के नाम पर डिजिटल ठगी के मामलों में अब नया बदलाव आया है। एजेंसी ने समनों पर QR Code लगाना शुरू कर दिया है। अब कोई भी व्यक्ति इसे स्कैन कर असली या फर्जी समन की जांच कर सकता है। यह कदम डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी बढ़ने के मद्देनजर उठाया गया है।
ईडी ने स्पष्ट किया है कि वह कभी भी ऑनलाइन गिरफ्तारी (Online Arrest) नहीं करती और न ही फोन या व्हाट्सऐप कॉल के जरिए धमकी देती है। यदि किसी को ऐसा कॉल मिले, तो तुरंत सावधान रहें और संबंधित थाने या साइबर सेल को सूचित करें।
मुख्य जानकारी:
समन पर QR Code से असली-फर्जी पहचान संभव।
झारखंड के बोकारो और रांची में लाखों-करोड़ों की ठगी के मामले सामने आए।
एजेंसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी जागरूकता संदेश साझा किया।
तीन प्रमुख केस स्टडी:
बोकारो: सेवानिवृत्त अधिकारी से डिजिटल अरेस्ट के नाम पर 1.39 करोड़ की ठगी।
रांची: अधिकारी की पत्नी से 56.44 लाख रुपये की ठगी।
2024: ईडी केस से नाम हटाने के नाम पर कई अधिकारियों से करोड़ों रुपये वसूले गए।
ईडी ने कहा कि झारखंड में एजेंसी 2022 से मनरेगा, खनन, जमीन, टेंडर, शराब और बालू घोटालों की जांच कर रही है। ठग इसका फायदा उठाकर लोगों को डराकर पैसे ऐंठते हैं।