Beby तू बोल कर गया था लेने आऊंगा…तू आया नहीं मुझे लेने…शहीद के बगल में खड़े होकर रोती रही मंगेतर..

Beby तू बोल कर गया था लेने आऊंगा…तू आया नहीं मुझे लेने…शहीद के बगल में खड़े होकर रोती रही मंगेतर..

गुजरात : यह घटना बहुत ही दुखद और भावनात्मक है। शहीद पायलट सिद्धार्थ यादव की वीरता और बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। जब किसी सैनिक की शहादत होती है, तो न केवल परिवार बल्कि पूरा समाज गहरे दुख में डूब जाता है। सिद्धार्थ की मंगेतर का वह भावुक पल, जब उन्होंने अपने शहीद साथी के ताबूत के पास जाकर उसे याद किया, दिल को छूने वाला था। उनका सपना और प्यार, जो एक भविष्य की ओर बढ़ रहा था, अचानक टूट गया।

इस दौरान शहीद पायलट सिद्धार्थ की मंगेतर भी नजर आईं, जिन्होंने शहीद पायलट के पार्थिव शरीर के पास जाकर कहा, ‘बेबी तू आया नहीं मुझे लेने…तू बोल कर गया था कि मैं तुझे लेने आऊंगा’। पायलट सिद्धार्थ की मां से लेकर पिता और रिश्तेदारों तक सभी की आंखें नम थीं। सिद्धार्थ की मंगेतर के आंसू भी शहीद के ताबूत पर लगातार गिर रहे थे। यह देख पास खड़े वायुसेना के जवान भी अपने आंसू नहीं रोक पाए।

शहीद पायलट सिद्धार्थ को अंतिम विदाई देने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा। लोगों ने उनकी अंतिम यात्रा में उनके अमर होने का उद्घोष किया। शुक्रवार को उनके पैतृक गांव भालखी माजरा में पिता सुशील यादव ने अपने 28 वर्षीय शहीद बेटे की चिता को मुखाग्नि दी। यहां उन्हें सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। वायुसेना की टुकड़ी ने हथियार उल्टा करके और फायरिंग कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। 2 अप्रैल को जामनगर में हुए जगुआर हादसे में सिद्धार्थ ने शहीद होने से पहले अपने साथी की जान बचाई थी।

Beby तू बोल कर गया था लेने आऊंगा

23 मार्च को हुई थी सिद्धार्थ की सगाई

बता दें कि सिद्धार्थ की इसी साल 23 मार्च को सोनिया से सगाई हुई थी और उनकी शादी 2 नवंबर 2025 को होनी थी। शहीद के अंतिम संस्कार के मौके पर उनकी मंगेतर भी श्मशान घाट पहुंचीं। इस दौरान वह शव को देखकर रोती रहीं और बार-बार कहती रहीं कि, प्लीज एक बार मुझे उनका चेहरा दिखा दो। आगे मंगेतर सानिया ने कहा कि, मुझे सिद्धार्थ पर गर्व है। सिद्धार्थ की शादी 2 नवंबर को होनी थी, जिसके लिए उसके घर में तैयारियां चल रही थीं। लेकिन इस हादसे ने सब कुछ तबाह कर दिया।

माता-पिता को सिद्धार्थ पर गर्व

सिद्धार्थ के पिता सुशील यादव ने कहा, उनका सपना था कि उनका बेटा वायुसेना प्रमुख बनकर ही घर लौटे। यह हर वायुसेना अधिकारी के पिता का सपना होता है, उनका भी यही सपना था। उनकी मां सुशीला यादव ने कहा, मुझे अपने बेटे पर गर्व है। मैं देश की हर मां से कहना चाहती हूं कि वे अपने बेटों को देश की सेवा के लिए सेना में भेजें। मुझे उसकी मां होने पर गर्व है, वह देश के लिए डरा नहीं। मेरा पूरा परिवार सेना में था, यह जानते हुए भी मैंने उसे सेना में भेजा। मुझे उसकी शहादत पर गर्व है। आपको बता दें कि इस हादसे से पहले सिद्धार्थ 31 मार्च को घर से ड्यूटी पर लौटे थे। उन्होंने 2017 में वायुसेना जॉइन की थी।झारखंड: रामनवमी पर बिजली बाधित नहीं होगी, डीसी ने इन गाइडलाइन के पालन करने का आदेश किया जारी

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