सावधान! छठ पूजा पर महिलाएं ले रही पीरियड्स रोकने की मेडिसन, 50 गुना डिमांड बढ़ी, डाक्टरों ने किया सावधान, जानिये क्या कहा…

Caution! Women are taking medication to stop their periods during Chhath Puja; demand has increased 50-fold, and doctors are cautioning against taking any medication. Find out what they have to say...

Chhath Puja Medicine। छठ पर्व के दौरान महिलाओं द्वारा पीरियड (मासिक धर्म) रोकने वाली दवाओं की मांग में अचानक बढ़ोतरी हुई है। व्रत में बाधा न आए, इस कारण बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं ली जा रही हैं। विशेषज्ञों ने इसे खतरनाक बताते हुए कहा कि इससे हार्मोनल असंतुलन, लिवर टॉक्सिसिटी और प्रजनन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।

 

छठ महापर्व के मौके पर श्रद्धा और आस्था का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है। महिलाएं कठिन व्रत, निर्जला उपवास और पवित्र स्नान के जरिए भगवान सूर्य और छठी मइया की उपासना में लीन हैं। लेकिन इसी बीच एक चिंताजनक प्रवृत्ति भी सामने आई है — शहर के मेडिकल स्टोर्स पर मासिक धर्म (पीरियड) रोकने वाली दवाओं की बिक्री में अचानक भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

 

कई दवा दुकानदारों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में ऐसी दवाओं की मांग लगभग दोगुनी हो गई है। महिलाएं व्रत में बाधा न आने के कारण इन दवाओं की मांग कर रही हैं और अधिकतर मामलों में बिना डॉक्टर की सलाह या प्रिस्क्रिप्शन के दवा खरीद रही हैं।

 

दुकानदारों के मुताबिक, “पहले जहां कभी-कभार कोई महिला यह दवा मांगती थी, वहीं अब हर दिन कई महिलाएं एक ही दवा पूछ रही हैं। कई बार वे सिर्फ नाम बताकर दवा ले जाती हैं, जबकि हमें मालूम है कि ऐसी दवाएं सिर्फ चिकित्सकीय परामर्श पर ही सुरक्षित हैं।”

 

डॉक्टरों की चेतावनी — हार्मोनल दवाएं मज़ाक नहीं

डाक्टर के मुताबिक इसे बेहद खतरनाक प्रवृत्ति बताया है। उनके अनुसार, मासिक धर्म को रोकने या टालने वाली गोलियां हार्मोनल दवाएं होती हैं, जो शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर को अस्थायी रूप से बदल देती हैं। बार-बार या गलत तरीके से सेवन करने से महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन, वजन बढ़ना, मुंहासे, बाल झड़ना, अनियमित माहवारी, और गर्भधारण में कठिनाई जैसी समस्याएं हो सकती हैं।उन्होंने स्पष्ट कहा, “किसी धार्मिक कारण या यात्रा के लिए यदि मासिक चक्र आगे-पीछे करना आवश्यक हो, तो डॉक्टर की सलाह लेना ज़रूरी है। हर महिला का शरीर अलग होता है, इसलिए एक जैसी दवा हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं होती।”

 

जिन महिलाओं को लिवर की समस्या है, उन्हें ऐसी दवाएं बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए। इन दवाओं में मौजूद तत्व लिवर टॉक्सिक हो सकते हैं, जिससे शरीर में ज़हरीले तत्व बढ़ जाते हैं और गंभीर स्वास्थ्य जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि “धार्मिक आस्था अपनी जगह है, पर स्वास्थ्य उससे भी ज़्यादा महत्वपूर्ण है।”विशेषज्ञों के मुताबिक, इन दवाओं का गलत प्रयोग कई बार भविष्य में प्रजनन क्षमता (fertility) पर भी असर डाल सकता है। इसलिए सिर्फ एक त्योहार या व्रत के लिए शरीर के प्राकृतिक चक्र से छेड़छाड़ करना उचित नहीं है।

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