झारखंड : हेमंत सरकार से बाबूलाल मरांडी की अपील, सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में पुल-पुलिया निर्माण को दें प्राथमिकता
Jharkhand: Babulal Marandi appeals to Hemant government to give priority to construction of bridges in remote rural areas

नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार से सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में पुल और पुलियों का निर्माण करवाने की मांग की है.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अलग झारखंड राज्य का गठनु हुआ तो ग्रामीण और दूर-दराज के इलाकों में पुल-पुलिया की भारी कमी के कारण आवागमन बेहद कठिन था.
बाबूलाल मरांडी ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए बताया कि तब पहली प्राथमिकता में सैकड़ों पुल-पुलियों का निर्माण कराया जिससे पहली बार इन क्षेत्रों तक वाहन की पहुंच सुनिश्चित हो सकी. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बावजूद इसके आज भी सिल्ली और हंटरगंज जैसे इलाकों में नदी पर पुल नहीं है. लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
ग्रामीण आज भी बांस की अस्थायी पुलिया के जरिये नदी पार करने को मजबूर हैं. मरीजों को चारपाई पर लादकर अस्पताल ले जाना पड़ता है. लोग जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं.
सिल्ली और हंटरगंज से सामने आई तस्वीर
दरअसल, आज 2 तस्वीरें वायरल हुई है. पहली तस्वीर सिल्ली विधानसभा की है जहां आदिवासी ग्रामीण महिलायें रस्सियों और बांस की मदद से बने पुल के जरिये नदी पार कर रही हैं. यह बेहद खतरनाक और जानलेवा है.
वहीं दूसरी तरफ एक और वीडियो चतरा के हंटरगंज का है जहां ग्रामीण मरीज को खटिया में लादकर पैदल ही चल रहे हैं. रास्ता कच्चा और पथरीला है. रास्ते में नदी पड़ती है जिसमें उतरकर आवागमन करना पड़ता है. मानसून के मौसम में खासतौर पर यह काफी चुनौतीपूर्ण काम होता है.
खूंटी और लातेहार से भी सामने आई है तस्वीर
इससे पहले खूंटी और लातेहार से भी तस्वीरें सामने आ चुकी है जहां स्कूली बच्चे नदी के ऊपर टूटे हुए पुल के सहारे आवागमन करने को विवश हैं. मानसून सीजन में स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है. अतीत में कई हादसे भी हो चुके हैं.