बाबूलाल मरांडी ने CBI जांच की हेमंत सोरेन को दी चुनौती! कहा, हिम्मत है तो सीबीआई से जांच कराकर सच्चाई सामने लायें… पढ़ें पूरा मामला
Babulal Marandi challenged Hemant Soren for a CBI inquiry! Said, if you have the courage, get the CBI to investigate and bring out the truth... Read the full story

रांची। रिम्स डायरेक्टर को हटाने को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में अब बाबूलाल मरांडी ने बड़े ही गंभीर आरोप लगाये हैं। बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पोस्ट कर रिम्स के पूर्व निदेशक के समर्थन में अपनी बातें कही है। उन्होंने कहा कि रिम्स निदेशक के हवाले से आयी ख़बरों से पता चल रहा है कि जीबी की बैठक में उनपर हेल्थमैप और और मेडाल को अनुचित भुगतान करने का मौखिक दवाब बनाया जा रहा था जबकि एजी की ऑडिट में इसपर आबजेक्शन किया जा चुका है।
दलित समुदाय से आने वाले इस प्रतिभावान रिम्स निदेशक को अपमानित एवं प्रताड़ित कर बिना कारण पूछे एवं अपना पक्ष रखने का मौक़ा दिये बग़ैर अकस्मात् हटाने की यह बड़ी वजह बनी। मुख्यमंत्री में अगर हिम्मत है तो इस मामले की जॉंच सीबीआई से कराने का आदेश देकर सच्चाई को सामने आने दें। चाहे पथ निर्माण विभाग हो या भवन निर्माण विभाग। ग्रामीण विकास विभाग हो या पेयजल विभाग।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इन जैसे सारे “कामकाजी विभागों” में कहने के लिये तो ठेके-पट्टे देने एवं भुगतान करने के लिये विभागीय कमेटियाँ बनी हुई हैं, लेकिन हेमंत सोरेन के कार्यकाल में ऐसे सारे “कामकाजी कमाऊ” विभागों में ठेकेदारों का चयन, कार्य आवंटन, भुगतान से लेकर कार्य आवंटन के बाद अतिरिक्त काम के नाम पर एकरारनामा की राशि बढ़ाकर बढ़ी हुई राशि का बंदर बॉंट कराने का काम सत्ताधारियों की मिलीभगत से विभागीय सचिवों के मौखिक निर्देश एवं दवाब पर ही संचालित एवं नियंत्रित किया जाता रहा है।
यही नहीं बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि इससे जो काली कमाई होती है उसका हिस्सा “उपर” तक जाता है। इस गोरखधंधे में पकड़े जाने पर बेचारे नीचे के पदाधिकारी दंडित हो जाते हैं। जो अधिकारी सचिवों के कहने पर ग़लत काम करने से आनाकानी करते हैं उन्हें रिम्स निदेशक राजकुमार जी की तरह बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। हेमंत सोरेन जी, ठेके-पट्टे आवंटन और भुगतान में इस संगठित एवं सुनियोजित लूट के गोरखधंधे को बंद कराने के लिये सख्त कदम उठाइये।