यूएई: आज से एशिया के टीमों के बीच यूएई में एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट खेला जाएगा। ये दूसरी दफ़ा होगा जब यह टूर्नामेंट टी-20 प्रारूप में खेला जा रहा है। 16 दिनों तक चलने वाले इस स्पर्द्धा में भारत सहित अन्य 5 टीम भी खिताब जीतने के साथ-साथ टी-20 विश्व कप की तैयारी को और पुख्ता करना चाहेगी। उद्घाटन मुकाबला 5 बार की चैंपियन श्रीलंका और अफगानिस्तान के बीच खेला जाएगा।
आइए जानते हैं इन 6 टीमों की क्या ख़ासियत और कमजोरी है..

खिताब बचाने उतरेगा भारत

ताकत: टीम नए कोच द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा के नेतृत्व में पहेले से ज्यादा आक्रमक खेल खेल रही हैं। इन दोनों के रहते भारत ने पहले बैटिंग करते हुए 15 में से 12 मुकाबले अपने नाम किये है। टीम ने अपना रन रेट 8.20 से सुधार कर इसे 9.29 तक पहुँचा दिया है, जो टीम के आक्रामक रवैया को दर्शाता है।
कमज़ोरी: ओपनर्स के ना चलने पर कई बार टीम का मध्यक्रम लड़खड़ा जाता है। स्टार प्लेयर कोहली और केएल का फॉर्म में ना होना चिंता का सबब बन सकता है।

पाकिस्तान है तैयार

ताकत: पाकिस्तान की ताकत उसका शिर्ष क्रम औऱ तेज़ गेंदबाजी आक्रमण है। ये अभी कुछ बर्षों से पूरे फॉर्म में भी है।
कमज़ोरी: टीम के खेल में निरंतरता का अभाव है। तेज़ गेंदबाजी आक्रमण के अगुवाई करने वाले शाहीन चोट की वजह से टूर्नामेंट से बाहर हो गए है।

श्रीलंका भी कम नहीं

ताक़त: श्रीलंका की ताकत उनके स्पीनर्स है। टीम के कई खिलाड़ी फॉर्म में है जो एकजुट होकर किसी भी मैच को अपने नाम कर सकते है।
कमज़ोरी: टीम में तजुर्बा कम होने के कारण दबाब में बिखर जाना सबसे बड़ी चुनौती है। देश के आंतरिक मामलों की उठापटक भी टीम के परफॉर्मेंस पर प्रभाव डाल सकती है।

शाकिब की कमान में बांग्लादेश तैयार

ताकत: बांग्लादेश उलटफेर करने में माहिर हैं। पिछले 2 एशिया कप में सभी को चौकाते हुए फाइनल तक का सफर किया है, जो इनके मनोबल को ऊंचा करता है। टीम ने इस बार श्रीधरन श्रीराम को तकनीकी निदेशक के रूप में टीम से जोड़ा है।
कमज़ोरी: टीम में एकजुट प्रदर्शन करने में निरंतरता नही है। कप्तान के बार बार बदलने से प्रदर्शन में प्रभाव पड़ा है। वर्ल्ड कप के बाद इस छोटे प्रारूप में संघर्ष करना पड़ा है।

अफगानिस्तान कर सकता है चित्त

ताकत: अफगान टीम के पास विश्व स्तरीय स्पिन गेंदबाजी आक्रमण है जो किसी भी टीम के लिए सिरदर्द बन सकता है। राशिद और नबी की जोड़ी बेमिसाल है जो अन्य टीम के लिए खतरनाक साबित होगा।
कमज़ोरी: पूरी टीम की निर्भरता कुछ एक खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर निर्भर करता है।

चौथी बार टूर्नामेंट में उतरेगा हॉंगकॉंग

हॉंगकॉंग का प्रदर्शन क्या होगा ये तो वक़्त बताएगा। हालांकि कोई भी टीम हॉंगकॉंग को कम आँकने की गलती नही करेगी। क्योंकि क्रिकेट के इस छोटे प्रारूप में कब पासा पलट जाए और वापसी करने का मौका ना मिले, कहा नही जा सकता। हॉंगकॉंग की 17 सादस्यीय टीम में कोई भी खिलाड़ी अपने देश का नहीं है। इसमें 12 खिलाड़ी पाकिस्तान मूल के जबकि 4 भारतीय मूल के हैं। एक अन्य ब्रिटिश मूल का है।

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