स्वास्थ्यकर्मियों के आंदोलन में मनमर्जी : एक नेता ने कर दिया 7000 स्वास्थ्यकर्मियों के सामूहिक इस्तीफे का ऐलान… राज्य संगठन ने बयान का किया खंडन, कहा- ऐसा कोई फैसला नहीं….बयान देने वाले से मंगवायेंगे माफी

रांची। नियमितिकरण की मांग कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों का आंदोलन क्या नेतृत्वविहीन हो गया है ?…क्या राज्य कमेटी का जिलों में चल रहे आंदोलन पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है?…क्या किसी भी पदाधिकारी को मनमर्जी तरीके से बयान जारी करने की छूट मिल गयी है? ये सवाल भी है और नियमितिकरण आंदोलन के मकसद पर शक की सुई भी उठा रहा है। दरअसल कल देवघर में झारखंड चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के नेता ने 25 फरवरी तक का सरकार को अल्टीमेटम देते हुए ऐलान कर दिया कि अगर नियमितिकरण नहीं किया गया तो 7000 स्वास्थ्यकर्मी सामूहिक इस्तीफा दे देंगे।

हैरानी की बात ये है कि आंदोलन के लिए बनी राज्य आंदोलन कमेटी ने ना तो ऐसा कोई अल्टीमेटम जारी किया था और ना ही सामूहिक इस्तीफा देने की कोई घोषणा की थी। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या नियमितिकरण की लड़ाई में कुछ ऐसे भी संगठन शामिल हो गये हैं, जो मनमर्जी तरीके से आंदोलन को चलाना चाह रहे हैं।

क्या है मामला

मीडिया को जारी मनोज मिश्र के बयान के आधार hpbl.co.in कल 7000 स्वास्थ्यकर्मियों के हड़ताल की खबर को प्रकाशित किया, तो आंदोलनकारी संगठन में हड़कंप मच गया। इस मामले में आज एनआरएचएम एएनएम/ जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ की तरफ से लिखित बयान जारी किया और सामूहिक इस्तीफा के ऐलान से पल्ला झाड़ लिया। प्रदेश अध्यक्ष मीरा कुमारी ने hpbl न्यूज से बात करते हुए बताया कि ऐसा कोई भी निर्णय राज्य कमेटी ने नहीं लिया था, लेकिन देवघर से एक अन्य संगठन के पदाधिकारी ने ये घोषणा कर दी है, हम इसका खंडन करते हैं, ऐसा कोई निर्णय आंदोलनकारी राज्य संगठन ने नहीं लिया है।

यह पूछे जाने पर कि इतना बड़ा बयान प्रदर्शन स्थल से झारखंड चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने दे दिया, संगठन की तरफ से सिर्फ इसका खंडन भर ही करेगा, या फिर मनमुताबिक आंदोलन को अपने तरीके से चलाने की कोशिश करने वाले संगठन पर कोई निर्णय ही लेगा।

जवाब में प्रदेश अध्यक्ष मीरा कुमारी ने कहा..

“देखिये, हमारा कोई फैसला नहीं था, देवघर से एक संगठन का जिला पदाधिकारी अपने मन से बयान जारी किया, हमलोगों ने इसका खंडन किया है, हमलोगों ने फोन कर उन्हें आज डांटा भी है और अगर वो कल रांची में आते हैं तो उनसे सामूहिक रूप से माफी भी मंगवायेंगे, वो मंच पर कहेंगे, उन्होंने जो कहा है वो अफवाह है और उन्होंने ये बातें अपने मन से कही है”

प्रदेश अध्यक्ष मीरा कुमारी का बयान

आपको बता दें कि प्रदेश भर के अनुबंध स्वास्थ्यकर्मी एक महीने से ज्यादा वक्त से आंदोलन पर हैं। सभी स्वास्थ्यकर्मी 2004 की तर्ज पर नियमितिकरण की मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों का आमरण अनशन आश्वासन के बूते खत्म कराया था, लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल जारी है। राज्य सरकार की तरफ से कोई ठोस पहल नहीं होते देख, स्वास्थ्यकर्मियों की नाराजगी बढ़ती जा रही है।

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