रांची। …आखिरकर उन 28 रिटायर्ड अफसरों की नियुक्ति रद्द कर दी गयी है, जिन्हें क्षेत्र विशेषज्ञ के तौर पर कल्याण सचिव ने नियुक्त किया था। कल्याण विभाग की संयुक्त सचिव वंदना कुमारी की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि पीएमयू (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट) में नियुक्त किए गए विषय विशेषज्ञों की सेवा समाप्त की जाती है। दरअसल नियुक्ति में कई तरह की खामियां थी। मसलन जिन पदों पर नियुक्ति की गई, वो पद ही सृजित नहीं थे।

नियुक्ति के लिए वित्त या कार्मिक विभाग ने भी अपनी सहमति नहीं दी थी। जिन अफसरों को नियुक्त किया गया, उनकी सैलरी 70 हजार तक थी। लिहाजा पद स्वीकृत नहीं होने पर सैलरी कैसे और किन मद से दिया जाना था, इसमें भी स्पष्टता का अभाव था। नियुक्तियों में आरक्षण नियमों और रिजर्वेशन रोस्टर का भी पालन नहीं हुआ।

नियुक्ति शुरुआत से ही विवादों में थी, कहा जा रहा था कि इस नियुक्ति को लेकर वित्त व कार्मिक विभाग ने भी असहमति जतायी थी, बावजूद कल्याण सचिव ने इसे नियम अनुकूल बताते हुए नियुक्ति को सही बताया था। मीडिया में इस मामले में खबर सामने आने के बाद इसकी जांच भी करायी गयी थी, जिसके बाद अब नियुक्ति रद्द कर दी गयी है।

चीफ सिकरेट्री सुखदेव सिंह को मिली जांच रिपोर्ट के आधार पर नियुक्ति को गलत बताते हुए इसे रद्द किया गया है। जारी आदेश में कहा गया है पीएमयू (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट) में नियुक्त किए गए विषय विशेषज्ञों की सेवा समाप्त की जाती है। आपको बता दें कि 4 मार्च 2023 को 56 रिटायर अधिकारियों का वाक इन इंटरव्यू लिया गया था। इनमें से पहले 19 फिर और 9 अधिकारियों को नियुक्त किया गया था।

नियुक्ति के बाद से ही विभाग के कनीय अधिकारियों ने इस पर आपत्ति की थी। जूनियर अफसरों का कहना था कि ये नियुक्ति अवैध है। आपत्ति के बावजूद चयन समिति बनी। और ग्रेडेशन के आधार पर उन्हें नियुक्त कर दिया गया। नियुक्ति के साथ ही विवाद गहरा गया और फिर शिकायत चीफ सिकरेट्री स्तर तक भी पहुंची। वित्त और कार्मिक विभाग ने इसकी जांच की और फिर इस नियुक्ति को रद्द किया गया।

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