धनबाद । जिले के गोविंदपुर अमलाटांड़ निवासी रमजान अंसारी की डेढ़ माह की बीमार पुत्री की मौत सोमवार की सुबह हो गयी. परिजन ने बताया की तीन जून को आंगनबाड़ी केन्द्र अमलाटांड़ में उस नवजात को एएनएम ने नियमित टीकाकरण के तहत वैक्सीन लगायी थी. घटना के बाद ग्रामीणों का गुस्सा स्वास्थ्य विभाग के ऊपर फूटा। परिजनों व ग्रामीणों का आरोप लगाया कि दो दिन पूर्व बच्ची को मिजिल्स होने की जानकारी एएनएम तथा सहिया को दी गयी थी. इसके बावजूद एएनएम ने उस नवजात को टीका लगा दिया. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी पहलू पर जांच कर रही है।

स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची

ग्रामीणों ने घटना की सूचना सबसे पहले बीडीओ संतोष कुमार को दी. इसके बाद बीडीओ थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार, डब्ल्यूएचओ के डॉ अमित कुमार तिवारी, आइडीएसपी डॉ ऋतुराज, सीएचसी प्रभारी डॉ एच रहमान आदि गांव पहुंचे. टीम ने घटना की विस्तृत जानकारी परिजनों से ली. अधिकारियों द्वारा गठित जांच टीम ने मृत बच्ची की जांच की. टीम ने मृत बच्ची का पोस्टमार्टम कराने का निर्देश दिया, परंतु परिजन इसके लिए तैयार नहीं हुए. शाम में ही बच्ची की मिट्टी मंजिल कर दी गयी. सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा ने टीका लगाने वाली एएनएम मंजू कुमारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

परिजन ने लगाया आरोप

मृत बच्ची के परिजन व ग्रामीणों ने एएनएम को दोषी मानते हुए उस पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए बर्खास्त करने व पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की है.

एएनएम ने कहा

एएनएम मंजू कुमारी ने कहा कि बच्ची के बीमार रहने की जानकारी परिजनों ने नहीं दी थी. नियमित वैक्सीनेशन के तहत बच्ची को पेंटा का फर्स्ट डोज, ओपीवी, रोटा, पीसीवी व आईवीपी की सुई दी गयी थी. यदि बीमार रहने की सूचना दी जाती, तो सुई नहीं दी जाती.

क्या कहते हैं WHO के प्रतिनिधि

इस संबंध में डब्ल्यूएचओ के SMO डॉ अमित कुमार तिवारी ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मृत्यु के कारणों का पता चल पायेगा. एएनएम से भी पूछताछ की जायेगी. बीडीओ संतोष कुमार ने कहा कि जांच टीम की रिपोर्ट आने के बाद ही मृत्यु के कारणों का खुलासा हो सकेगा.

मालूम हो की स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर पिछले 12 अप्रैल से जिले भर में MR का कार्यक्रम चलाया जा रहा था। इस भीषण गर्मी में 9 माह से लेकर 15 वर्ष के बच्चों को स्कूल और फिर अधिकारियों के निर्देश पर डोर टू डोर कार्यक्रम का आयोजन कर शत प्रतिशत बच्चों को प्रतिरक्षित किया गया था। बच्ची की मृत्यु किस कारण से हुई है ये तो जांच रिपोर्ट के बाद ही कारणों का पता चल पाएगा।

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