दुमका: कड़ी चौकसी और प्रशासन की देखरेख में दुमका की बेटी अंकिता का अंतिम संस्कार किया गया। उसके दादा अनिल सिंह ने मुखाग्नि दी, बेदिया श्मशान घाट पर डीसी, एसपी समेत भारी संख्या में लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित कर अंकिता को अंतिम विदाई दी। अंकिता को इंसाफ, पीड़ित परिवार को मुआवजा और आरोपी शाहरूख को फांसी की सजा देने की मांग लोगों द्वारा की जा रही है।

दादा ने दी मुखाग्नि

आईपीएस बनना चाहती थी अंकिता

अंकिता दुमका की राजकीय कन्या प्लस टू विद्यालय की 12वीं की छात्रा थी। उनके पिता संजीव सिंह एक बिस्किट व्यवसायी के यहां सेल्समैन का काम करते हैं। घर की माली हालत बहुत अच्छी नहीं है। अंकिता के परिजनों का कहना है कि वह काफी प्रतिभाशाली लड़की थी और पढ़-लिखकर आईपीएस अफसर बनना चाहती थी। वो कहती थी कि मैं आईपीएस बनकर देश की सेवा करूंगी।

अंतिम यात्रा में शामिल लोग

आरोपी को मिले फांसी की सजाः जिस पंचायत पुराना दुमका की अंकिता रहने वाली थी, पंचायत के मुखिया रविंदर बास्की का कहना है कि यह घटना काफी दुखद है और दोषी को जल्द से जल्द फांसी दी जाए। हजारीबाग से आए हिंदू संगठन के सदस्य अमन कुमार ने कहा कि अंकिता की मौत के दोषी को फांसी की सजा दी जाए और उसके परिजनों को पांच करोड़ रुपये का मुआवजा सरकार की ओर से दी जाए।

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