…और कर्मचारी हो गया कंगाल: झारखंड में इस गैंग से रहिये सावधान! मकान खरीदने-बेचने के नाम पर कर देता है कंगाल, छह गिरफ्तार..

Jharkhand News : झारखंड में एक कर्मचारी फर्जीवाड़े का शिकार होकर पूरी तरह से कंगाल हो गया। अब पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पूरी घटना झारखंड के जामताड़ा जिले की है। जामताड़ा पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो दूसरों की संपत्ति को अपनी बताकर बेचने का काम करता था।
इस गिरोह ने देवघर के एक कर्मचारी से रिटायरमेंट के 89 लाख रुपए ठग लिए। पुलिस ने गिरोह के छह सदस्यों, जिनमें एक महिला भी शामिल है, को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। आरोपियों में इनमें घनश्याम महतो, विक्रम महतो, पंचानन दास, टुंपा सरर्खेल, परिमल कुमार और जीसू सरकार शामिल हैं।
दरअसल देवघर निवासी मुकेश रवानी, जो हाल ही में सेवानिवृत्त हुए थे, जामताड़ा में मकान खरीदने की तलाश कर रहे थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात घनश्याम महतो और विक्रम महतो से हुई। दोनों ने उन्हें जामताड़ा स्टेशन के पास एक मकान दिखाया। बताया गया कि यह मकान पंचानन दास का है और उसके बेटे-बहू व जीसू सरकार इसके मालिक हैं।
कर्मचारी को विश्वास दिलाने के बाद आरोपियों ने सौदे की बात तय की। इसके बाद उन्होंने 84 लाख रुपए जीसू सरकार के बैंक खाते में ट्रांसफर कराए और बाकी रकम नकद में ले ली। लेकिन जब रजिस्ट्री की बारी आई तो आरोपी टालमटोल करने लगे।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
रजिस्ट्री में देरी देखकर पीड़ित को शक हुआ और उन्होंने जामताड़ा थाने में शिकायत दर्ज कराई। जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि जिस मकान को दिखाकर सौदा किया गया, वह वास्तव में कोलकाता निवासी समीर सरकार की संपत्ति है। पीड़ित को दिखाया गया मालिकाना हक पूरी तरह फर्जी था।मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी राजकुमार मेहता के निर्देश पर टीम गठित की गई। पुलिस ने जांच कर सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया कि यह गिरोह लंबे समय से सेवानिवृत्त कर्मचारियों और भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बना रहा था। पुलिस ने बताया कि ठग आपस में रकम बांट लेते थे और फिर फरार हो जाते थे।
गिरोह का धंधा
एसपी राजकुमार मेहता ने बताया कि यह गिरोह पहले भी कई लोगों को इसी तरह ठग चुका है। इनका तरीका यही होता था कि सेवानिवृत्त कर्मचारी या मकान-खरीददार लोगों को आसान शिकार बनाना और दूसरे की जमीन या मकान अपना बताकर बेच देना।उन्होंने बताया कि जामताड़ा में जमीन दलाल और माफिया गिरोह काफी सक्रिय हैं। यहां तक कि सरकारी जमीन और पुरातन पतित दर्ज संपत्तियों को भी बेच दिया जाता है। कई मामलों में पहले भी मुकदमे दर्ज हुए हैं, लेकिन ठगी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।