…और कितने विधायक संकट में : हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन को भी घेरने की तैयारी में है भाजपा…उधर भाजपा के समरीलाल की मुश्किलें भी बढ़ी

रांची। झारखंड के विधायकों पर छाया संकट टल ही नहीं रहा है। प्रदेश के आधा दर्जन विधायक व मंत्री की सदस्यता खतरे में हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उसके विधायक बसंत सोरेन, मंत्री मिथिलेश ठाकुर के बाद अब हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन और भाजपा विधायक समरीलाल की मुश्किलें भी बढ़ गयी है। रांची के कांके से विधायक समरीलाल के जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने और उनकी जांति को अनुसूचित जाति में शामिल नहीं करने की शिकायत पर कार्रवाई अब तेज हो गयी है।

समरीलाल ने 2019 का विधानसभा चुनाव कांकेर के सुरक्षित विधानसभा सीट से जीता था। इस चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश बैठा ने मामले में शिकायत की थी। शिकायत के आधार पर जाति छानबीन समिति ने प्रमाण पत्र को गलत पाया। इस मामले में निर्वाचन आयोग ने नोटिस जारी किया है। पिछले कुछ दिनों से मामला ठंडे बस्ते में था, लेकिन अब फिर से कार्रवाई तेज हो गयी है। हेमंत सोरेन ने राजनीतिक अस्थिरता के बीच बुलाये गये सदन के विशेष सत्र के दौरान कहा था कि उनकी सदस्यता पर बड़ी आपाधापी में कार्रवाई की गई, लेकिन समरी लाल के मामले में राजभवन और चुनाव आयोग क्यों चुप है? उधर भाजपा की रणनीति इस मामले में पलटवार करने की है।

इधर हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन को भी बीजेपी घेरने की तैयारी में है। सीता सोरेन उड़ीसा से आती है। भाजपा की दलील है कि अगर समरीलाल के राजस्थान से ताल्लुक होने की वजह से कार्रवाई हो सकती है तो सीता सोरेन का निर्वाचन भी इसी दायरे में आयेगा। हालांकि अभी सीता सोरेन के मामले में शिकायतें सामने नहीं आयी है।

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