स्वास्थ्य विभाग गजब खेल : कोरोना काल में जिस रेमडेसिविर को ब्रह्मास्त्र बताया….लाखों की वो वैक्सीन अस्पताल में रखे-रखे हो गयी खराब ..

धनबाद। …कोरोना के वक्त में जिस रेमडेसिविर इंजेक्शन को ब्रह्मास्त्र के तौर पर मरीजों पर इस्तेमाल किया गया। वो रेमडेसिविर इंजेक्शन अब अस्पताल में पड़े पड़े खराब हो रहा है। धनबाद जिले में करीब 40 लाख का रेडमेसिविर इंजेक्शन एक्सपायर हो गया। विभाग के स्टोर रुम में 710, तो निजी अस्पतालों के स्टोर रूम में 100 रेमडेसिविर बेकार हो गया। अब विभाग इसे लेकर एक दूसरे पर ठिकरा फोड़ रहा है।
दरअसल कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग में बड़ा-बड़ा खेला हुआ। उस वक्त में जो दवाएं डिमांड में थी, उन दवाओं को कोरोना काल गुजरनेके बाद भी बिना जरूरत के भी खरीद ली गयी। आलम ये हुआ कि बिना जरूरत के खरीदी गयी ये दवाएं अब बेकार हो गयी है। रेमडेसिविर की एक वैक्सीन को लगभग 4800 रुपये की है, लिहाजा 800 वैक्सीन की कीमत 38 लाख के करीब है। इन दवाओं को धनबाद में सरकारी व निजी अस्पतालों में मई, जून व जुलाई 2021 में आपूर्ति कराए गए थे, जो इस साल अक्टूबर 2022 में एक्सपायर हो गया।
कोरोना काल में छोटे-छोटे निजी अस्पतालों ने भी रेमडेसिविर की मांग की थी। कई निजी अस्पताल व नर्सिंग होम ने अपने अस्पताल में मरीजों की जरूरत से ज्यादा वैक्सीन की मांग की। कई अस्पतालों की मांग से आधी ही आपूर्ति का निर्देश जारी किया था, फिर भी निजी अस्पतालों में स्टाक का बचना सवालों के घेरे में है। निजी अस्पतालों का कहना है कि कई बार जिन मरीजों के लिए रेमडेसिविर मंगाया गया या तो उनकी मौत हो गई या वे दूसरी जगह इलाज के लिए चले गए। इससे उनके हिस्से का डोज बच गया।