धनबाद । झारखंड में अफसरशाही काफी हावी है, इससे आम लोगों के साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी परेशान है। इसी नाराजगी का नमूना दिखा धनबाद में… जहां एक साथ जिला 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के पदाधिकारी और सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया।

जिला बीस सूत्री के उपाध्यक्ष बृजेंद्र सिंह ने बताया कि जिले में 20 सूत्री का गठन हुए 5 महीने बीत गए लेकिन इन 5 महीनों में 1 बार 20 सूत्री की बैठक नही बुलाई गई। जिला और प्रखंड में एक भी कार्यालय इतने महीनों बाद भी उपलब्ध नहीं कराया गया है। 2 महीने में एक बार बैठक अनिवार्य है जबकि प्रखंड अध्यक्ष प्रत्येक महिन बैठक करने की जरूरत है। पदाधिकारी नहीं चाहते कि बैठक हो। उन्होंने कहा कि जिले में अफसरशाही हावी है प्रजातंत्र के तहत बीस सूत्री का गठन किया गया है लेकिन पदाधिकारी मनमानी पर उतर आए हैं, वे नहीं चाहते कि बीस सूत्री के लोग शामिल हो।

उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के कल्याणकारी कार्यों को गति देने की साथ-साथ राज्य सरकार की योजनाओं को जिला के सभी प्रखंडों पंचायतों एवं गांवों में धरातल पर उतारने एवं विकास कार्यों में पारदर्शिता लाने को लेकर 20 सूत्री समितियां गठित की गई थी। लेकिन बड़े अफसोस की बात है कि जिले के अधिकारी इसे अनदेखी कर रहे हैं। इस्तीफे को लेकर पूरी जानकारी झारखंड में यूपीए समन्वय समिति के चेयरमैन शिबू सोरेन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झारखंड प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर को भी दी गई है।

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