झारखंड: सात स्कूलों के सभी परीक्षार्थी मैट्रिक में हो गये फेल, 33 शिक्षक, 8 छात्र, और 0 सफलता, 54 स्कूलों के आधे स्टूडेंट नहीं पास कर पाये मैट्रिक, शिक्षा विभाग लेगा एक्शन

Jharkhand: All the students of seven schools failed in matriculation, 33 teachers, 8 students, and 0 success, half the students of 54 schools could not pass matriculation, education department will take action

रांची। झारखंड में मैट्रिक के रिजल्ट ने कई स्कूलों की पोल खोल दी है। एक ओर जहां कई स्कूलों ने शानदार प्रदर्शन किया, वहीं कुछ स्कूलों के प्रदर्शन ने शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिये हैं। राज्य में सात ऐसे स्कूल सामने आए हैं, जहां परीक्षा में शामिल सभी छात्र फेल हो गए। यही नहीं, 54 स्कूलों में आधे से अधिक परीक्षार्थी परीक्षा में असफल रहे। यह स्थिति तब सामने आई है जब राज्य का समग्र परीक्षा परिणाम पिछले वर्ष की तुलना में 1.3 प्रतिशत बेहतर रहा।

 

शिक्षक मौजूद, फिर भी परिणाम शून्य

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन स्कूलों में शिक्षकों की कोई कमी नहीं थी। देवघर के आर मित्रा हाई स्कूल में 33 शिक्षक कार्यरत हैं, लेकिन वहां से शामिल सभी 8 छात्र फेल हो गए। यह न केवल विद्यार्थियों की शिक्षा पर सवाल उठाता है, बल्कि स्कूल प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर प्रश्न खड़ा करता है।

 

कार्रवाई के निर्देश, होगी स्थलीय जांच

शिक्षा विभाग ने इस गंभीर स्थिति को लेकर सख्त रुख अपनाया है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह ने सभी संबंधित उपायुक्तों को इन स्कूलों के प्रधानाध्यापकों से स्पष्टीकरण लेकर उन्हें हटाने और अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस बार बेहतर परिणाम के बावजूद 35,729 परीक्षार्थी फेल हो गए हैं, जिनका अलग से विश्लेषण जरूरी है।

 

सभी छात्र फेल होने वाले स्कूलों की सूची:

• मॉडल स्कूल, पालजोरी (गुमला)

• उत्क्रमित हाई स्कूल, शिकारीपाड़ा (दुमका)

• आर मित्रा हाई स्कूल (देवघर)

• मिथिला हाई स्कूल, सोनारी (पूर्वी सिंहभूम)

• गवर्नमेंट हाई स्कूल, बिरसा नगर (पूर्वी सिंहभूम)

• माइकल जान गर्ल्स हाई स्कूल, गोलमुरी (पूर्वी सिंहभूम)

• उत्क्रमित हाई स्कूल, सोनगरा (पश्चिमी सिंहभूम)

 

 

राज्य में कुछ जिलों में परिणाम गिरा

जहां एक ओर राज्य का औसत परिणाम बेहतर हुआ है, वहीं कुछ जिलों में गिरावट देखी गई है। पश्चिमी सिंहभूम में परिणाम में 6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा और खूंटी जैसे जिलों में भी परीक्षा परिणाम घटा है। 10 जिले ऐसे हैं, जहां का परिणाम राज्य औसत से कम रहा है।

 

शिक्षा व्यवस्था का उजला पक्ष भी सामने

जहां एक ओर कुछ स्कूलों ने निराश किया, वहीं कई स्कूलों ने उम्मीद से बढ़कर प्रदर्शन किया है। शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों के शिक्षकों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है।इस वर्ष 51 स्कूलों के सभी छात्र प्रथम श्रेणी में सफल हुए हैं। इनमें से 24 स्कूलों ने पिछले साल भी यही उपलब्धि हासिल की थी। वहीं, 777 स्कूलों का शत-प्रतिशत परिणाम रहा, जिनमें से 261 स्कूल ऐसे हैं, जिन्होंने लगातार दो वर्षों से शत-प्रतिशत सफलता दर्ज की है।

Related Articles