शराब घोटाला: IAS अमित प्रकाश के खिलाफ गंभीर आरोप, जिलों में एजेंट के जरिए वसूली का आरोप

Liquor scam: Serious allegations against IAS Amit Prakash, accused of extorting money through agents in districts

झारखंड शराब घोटाला केस में एसीबी की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है. एसीबी ने आईएएस विनय चौबे के बाद पूर्व आईएएस अमित प्रकाश को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है. अमित प्रकाश उत्पाद विभाग के पूर्व आयुक्त और झारखंड स्टेट बिवरेज कॉरपोरेशन लि. के पूर्व जीएम भी रह चुके हैं. इनकी गिरफ्तारी के साथ ही शराब घोटाला मामले में कुल 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

अमित प्रकाश शराब के हाथों गिरफ्तार होने वाले झारखंड के दूसरे आईएएस अधिकारी बन गये हैं. इससे पहले विनय चौबे को 20 मई को गिरफ्तार किया गया था. झारखंड में पहले भी आईएएस अधिकारियों की गिरफ्तारी हुई है लेकिन उनको ईडी ने पकड़ा था. मसलन, आईएएस पूजा सिंघल को ईडी ने मनरेगा घोटाला केस में गिरफ्तार किया था वहीं छवि रंजन की गिरफ्तारी जमीन घोटाला के आरोप में की गयी थी.

ये IAS अधिकारी जा चुके हैं जेल

इस समय झारखंड में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो शराब घोटाला की जांच कर रही है जिसमें मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रह चुके आईएएस विनय कुमार चौबे को गिरफ्तार किया गया है. अब इस केस में पूर्व उत्पाद आयुक्त अमित प्रकाश की गिरफ्तारी हुई है. मंगलवार को लंबी पूछताछ के बाद उनको गिरफ्तार किया गया और फिर मेडिकल के लिए ले जाया गया.

दरअसल, शराब घोटाला मामले में एसीबी को जांच में पता चला कि पूर्व आईएएस अमित प्रकाश की संलिप्तता है. अमित प्रकाश ने सभी जिलों में लोकल एजेंट रखे थे. ये एंजेट जिलावार पैसों की वसूली करके अमित प्रकाश तक पहुंचाते थे.

एसीबी ने जांच में पाया है कि खुदरा दुकानों में प्लेसमेंट एजेंसियों के कर्मियों के द्वारा एमआरपी से अधिक दाम में शराब की बिक्री होती थी. इन पैसों का बड़ा हिस्सा लोकल एजेंटों के जरिए अमित प्रकाश तक पहुंचता था. एसीबी ने जांच में पाया है कि विजन हॉस्पिटिलिटी और मार्शन इनोवेटिव समेत सारी प्लेसमेंट एजेंसियां अमित प्रकाश के एजेंट्स को पैसे देती थी.

एसीबी की गिरफ्त में कैसे आए अमित प्रकाश

एसीबी ने इनोवेटिव व विजन हॉस्पीटलिटी के स्थानीय प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह को 21 जून को गिरफ्तार किया था. एसीबी ने बीते हफ्ते नीरज कुमार सिंह को 2 दिनों के रिमांड पर लिया था. रिमांड पर पूछताछ के दौरान नीरज कुमार ने अमित प्रकाश की संलिप्तता के बारे में एसीबी को जानकारी दी.

नीरज कुमार ने ACB को दी थी जानकारी

नीरज कुमार ने बताया था कि उत्पाद विभाग व जेएसबीसीएल के अधिकारियों को उसके द्वारा फर्जी बैंक गारंटी दिए जाने की जानकारी थी. विभागीय अधिकारियों ने इससे संबंधित गलती भी पकड़ी थी लेकिन, कार्रवाई करने के बाद तत्कालीन एमडी समेत अन्य अधिकारियों ने पैसे बांध दिए. वहीं जिलावार प्लेसमेंट एजेंसियों से भी हर महीने वसूली की राशि तय कर दी थी.

गौरतलब है कि एसीबी ने अपने केस में जेएसबीसीएल के वरीय लेखपाल नवेंदु शेखर को भी आरोपी बनाया था. एसीबी ने नवेंदु शेखर का भी लिखित बयान लिया था जिसमें अमित प्रकाश की संलिप्तता की बात सामने आई थी, जिसके बाद एसीबी ने अमित प्रकाश के खिलाफ सबूत जुटाने शुरू किये. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एसीबी को शुरूआती जांच में लोकल एजेंटों के जरिए उगाही के सबूत मिले, जिसके बाद अमित प्रकाश को पहली बार 13 जून को पूछताछ के लिए बुलाया गया. कांड में अन्य प्राथमिकी अभियुक्तों ने भी अपने बयान में अमित प्रकाश का नाम लिया है.

2022 में अमित प्रकाश ने 4 ब्लैकलिस्टेड एंजेसियों को किया था करोड़ो का भुगतान

इसके अलावा भी पूर्व आईएएस अधिकारी अमित प्रकाश पर वित्तीय अनियमितता का गंभीर आरोप है. उन्होंने 2022 में मंत्री योगेंद्र प्रसाद के कार्यभार संभालने के कुछ ही दिन बाद उन्हें बिना जानकारी दिए छत्तीसगढ़ की 2 थोक शराब आपूर्ति कंपनियों को भुगतान किया था. इसमें दीशिता वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड और ओम साईं विबरेजेज प्राइवेट लिमिटेड को करीब 11 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया था. यह भुगतान उस वक्त हुआ जब राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की 4 ब्लैकलिस्टेड प्लेसमेंट एंजेसियों से 450 करोड़ की वसूली के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी थी. हालांकि अब एसीबी ने शराब घोटाले के तार अमित प्रकाश से जोड़ते हुए बीते कल गिरफ्तार कर बिरसा मुंडा जेल भेज दिया है.

इतने लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी

गौरतलब है कि एसीबी ने उत्पाद विभाग के पूर्व प्रधान सचिव व आईएएस विनय कुमार चौबे, संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह, दो पूर्व जीएम सुधीर कुमार दास व सुधीर कुमार और प्लेसमेंट एजेंसी के प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.

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