सस्ता हो सकता है हवाई जहाज का सफर, जानिए क्यों घट सकते हैं किराए ?

नई दिल्ली: हवाई यात्रा करने की तैयारी में हैं तो ये खबर आपके काम की है. आपके हवाई किराये में जल्द कटौती होने की उम्मीद है। दरअसल, बुधवार यानी 31 अगस्त से घरेलू उड़ान के लिए हवाई किराया तय करने का अधिकार घरेलू एयरलाइंस को मिल गया है। बीते 27 महीने से हवाई किराये के लोअर और अपर कैप पर सरकार ने जो सीमा लगा रखी थी वो खत्म हो गई है। एयरलाइंस अब हवाई किराये खुद तय कर सकती है जैसे कोरोना से पहले कर रही थीं।

एविएशन मिनिस्ट्री ने इसी महीने के दूसरे हफ्ते में इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा था कि घरेलू विमान ऑपरेशन और हवाई सफर के लिए यात्रियों की मांग के स्टेटस की समीक्षा के बाद ये फैसला लिया गया है कि घरेलू हवाई यात्रा के लिए एयर फेयर बैंड को खत्म करने का फैसला लिया गया है।

मई 2020 में लगाई गई किराये की सीमा

मार्च 2020 में कोरोना महामारी के चलते जब लॉकडाउन लगाया गया तो उड़ान सेवा बंद हो गई थी। 25 मई 2020 से जब घरेलू उड़ान की शुरुआत हुई तो केवल 33 फीसदी उड़ानों के साथ उड़ानों की सरकार ने इजाजत दी और हवाई किराये का लोअर और अपर लिमिट तय करने की शुरुआत हुई थी।

जिसमें 40 मिनट के हवाई सफर के लिए एयरलाइंस 2900 रुपये से कम और 8800 रुपये से ज्यादा चार्ज नहीं कर सकती थीं. इसपर जीएसटी अलग से देना पड़ता था

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लोअर बैंड एयरलाइंस को प्रोटेक्ट करने के लिए और अपर बैंड यात्रियों की सहूलियतों के लिए लागू किया गया था। लेकिन 27 महीने बाद सरकार ने इस सिस्टम को वापस ले लिया है। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी फैसले पर कहा था कि घरेलू उड़ान के एयर फेयर पर तय सीमा को हटाने का फैसला हवाई ईंधन की कीमतों और उसी रोजाना मांग की समीक्षा के बाद लिया गया है। सेक्टर में स्ठायित्व आ चुका है और हमें उम्मीद है कि घरेलू एयर ट्रैफिक में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो ने कहा कि हवाई किराए की सीमा को हटाने से एयरलाइनों को रियायती किराए की पेशकश करके अपने पैसेंजर्स लोड फैक्टर्स को बढ़ाने में मदद मिलेगी। देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन विस्तारा ने कहा कि वह एक बैलेंस प्राइजिंग strategy जारी रखेगी. ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया यानी TAAI के अध्यक्ष ज्योति मायाल ने कहा भारत एक बहुत बड़ा बाजार है और एविएशन इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ मौजूदा एयरलाइंस अपने बेड़े का विस्तार कर रही हैं. कॉम्प्टिीशन के बढने से कंज्यूमर को काफी फायदा मिलेगा।

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