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रांची। झारखंड में मिले करोड़ों रुपये के कैश में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 8 मई (बुधवार)  को बड़ी कार्रवाई की. इस मामले की जांच का दायरा बढ़ाते हुए ईडी मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल के चैंबर को खंगाल रही है. संजीव लाल को झारखंड मंत्रालय लेकर इडी की टीम पहुंची. इस दौरान संजीव लाल के केबिन में ईडी को नोटों का बंडल मिला.

प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने बुधवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित सचिवालय के ग्रामीण विकास सह ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री के ऑफिस में रेड की है. वहां से दो लाख रुपये बरामद होने की सूचना है. संजीव लाल के ऑफिस में ईडी की रेड करीब साढ़े चार घंटे तक चली. बता दें कि मंत्री सेल में पीएस का अलग कमरा है. यहां अक्सर वे इंजीनियर-ठेकेदारों व कर्मियों के साथ बैठक करते रहते थे.

मंत्रालय पहुंची ईडी की टीम, मचा हड़कंप

इससे पहले ईडी की पांच सदस्यीय टीम बुधवार 8 मई को दोपहर करीब दो बजे ईडी की प्रोजेक्ट भवन पहुंची थी. प्रवर्तन निदेशालय की टीम के अचानक पहुंचने से सचिवालय में हड़कंप मच गया था. टीम के साथ मंत्री के आप्त सचिव संजीव लाल भी थे. कार्यालय के अन्य कर्मियों को बाहर निकलने की अनुमति नहीं थी. बंद कमरे में पूछताछ की गयी. ईडी की टीम के कुछ देर बाद ही प्रवर्तन निदेशालय के एडिशनल डायरेक्टर कपिल राज भी सचिवालय पहुंचे थे. करीब साढ़े चार घंटों तक चली छापेमारी के बाद ईडी संजीव लाल को साथ लेकर वापस लौट गयी.

छापेमरी में मिले थे 35 करोड़ नगद

मालूम हो की 6 मई को ही प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने रेड कर मंत्री के आप्त सचिव संजीव लाल के आवास और उनके सहयोगी जहांगीर आलम के घर से करीब 35 करोड रुपये कैश जब्त की थी. इसी सिलसिले में ईडी ने दोनों को गिरफ्तार किया था. पूछताछ के बाद अब सचिवालय में उनके कार्यालय में पहुंचकर कागजातों की जांच कर रही है.

नौकर ने बताया चौंकाने वाली जानकारी

प्राप्त जानकारी के अनुसार, ईडी की पूछताछ में मंत्री आलमगीर आलाम के पीएस संजीव कुमार लाल के नौकर जहांगीर आलम ने बताया कि वह कमीशन और रिश्वत से जुटाई रकम का केयरटेकर था, जिसके बदले में उसे महीने के करीब पंद्रह हजार रुपए सैलरी मिलती थी. उसने बताया कि मुझे मंत्री आलमगीर ने ही अपने पीएस संजीव कुमार लाल के यहां नौकरी पर रखवाया था. 

जहांगीर आलम ने ईडी को बताया है कि संजीव लाल हर एक-दो दिन में उसे रुपयों का बैग या थैला देते थे, जिसे वह इस फ्लैट की अलमारियों में लाकर रखता था. हालांकि, संजीव कुमार लाल ने शुरुआती पूछताछ में इनकार किया था कि जहांगीर के फ्लैट से मिली रकम उनकी है.

विरेंद्र राम से जुड़ा मामला

ईडी के द्वारा गिरफ्तार विरेंद्र राम ने पूछताछ में पूर्व में ईडी को बताया था कि उसने करोड़ों रुपए जो कमीशन के थे OSD संजीव लाल को सौंप दिए थे. वहीं इस जांच में कई राज बेपर्दा हो रहे है. संजीव लाल के भ्रष्टाचार से उगाही की जा रहे पैसे के सोर्स और उन पैसों का कनेक्शन कहना कहना था. अब ईडी ये जानने का प्रयास कर रही है और यही वजह है संजीव और उसके नौकर जहांगीर को इसी ने रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है, जिसमे कई राज बाहर आ सकते है.

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