अहमदाबाद विमान हादसा: 135 शवों की पहचान, 12 घंटे में पूरी हो सकती है DNA सैंपलिंग; कई परिवार अब भी इंतज़ार में

अहमदाबाद। अहमदाबाद विमान हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की DNA प्रोफाइलिंग और शवों की पहचान का काम तेजी से जारी है। मंगलवार सुबह तक 135 शवों की पहचान हो चुकी है और इनमें से 101 शव परिजनों को सौंपे जा चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि बचे हुए 34 शवों का मिलान भी अगले 12 घंटे में पूरा हो जाएगा।

अहमदाबाद विमान हादसा:DNए सैंपलिंग की प्रक्रिया अंतिम चरण में

हादसे में जान गंवाने वाले यात्रियों की पहचान को लेकर गांधीनगर, अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट की फोरेंसिक लैब्स के 54 एक्सपर्ट्स लगातार काम कर रहे हैं। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि सभी शवों की डीएनए प्रोफाइलिंग मंगलवार शाम या बुधवार सुबह तक पूरी कर ली जाएगी।

17 परिवार अभी भी इंतजार में हैं, जिनमें से 5 के नमूने प्रक्रिया में हैं, जबकि कुछ शव ऐसे भी हैं जिनकी पहचान सीधे तौर पर कर ली गई है और DNA की जरूरत नहीं पड़ी।

अहमदाबाद विमान हादसा:प्रशासन लगातार संपर्क में, शव जल्द सौंपे जाएंगे

अब तक 135 परिजनों या रिश्तेदारों ने संपर्क किया है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि शेष शवों को भी जल्द परिजनों को सौंप दिया जाएगा। अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी के अनुसार, शुक्रवार को 8 शव और मंगलवार तक 14 शवों को लौटाया गया, क्योंकि उनकी पहचान स्पष्ट थी।

अहमदाबाद विमान हादसा:हादसे में गई थीं कई जिंदगियां, अभी भी दुख का माहौल

गौरतलब है कि AI-171 फ्लाइट पिछले गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हुई थी लेकिन उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही हादसे का शिकार हो गई। विमान एक मेडिकल कॉलेज की इमारत पर गिर गया, जिससे विमान में सवार 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई। हादसे में कॉलेज के कई एमबीबीएस छात्र और 30 अन्य लोग भी मारे गए।

अहमदाबाद विमान हादसा:राजकीय सम्मान के साथ हुआ पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का अंतिम संस्कार

DNA प्रोफाइलिंग से गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भी पहचान हुई। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को राजकोट में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस त्रासदी में कई जानी-मानी हस्तियां और पूरे परिवार खत्म हो गए।

अहमदाबाद विमान हादसा: बांसवाड़ा से प्रतीक जोशी के परिवार का अब भी इंतज़ार

अब भी कई परिवार शवों के डीएनए मिलान का इंतज़ार कर रहे हैं। डॉ. प्रतीक जोशी (बांसवाड़ा, राजस्थान) के रिश्तेदार उनकी पत्नी डॉ. कोमी व्यास, 8 वर्षीय बेटी मिराया और 5 वर्षीय जुड़वा बेटे नकुल व प्रद्युत के शवों का इंतज़ार कर रहे हैं। इनकी DNA प्रोसेसिंग अभी लंबित है।

जहां एक ओर प्रशासन शवों की पहचान में युद्ध स्तर पर जुटा है, वहीं दूसरी ओर परिजनों का दर्द अंतहीन इंतज़ार में तब्दील हो गया है। उम्मीद है कि आज या कल तक प्रक्रिया पूरी कर, उन्हें अंतिम विदाई देने का मौका मिल पाएगा।

सरकार और प्रशासन से मांग है कि इस घटना की विस्तृत जांच कर भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचाव के ठोस उपाय किए जाएं।

Related Articles