रांची राज्य भर के कर्मचारी को मार्च 2022 से वेतन के लाले पड़े है, कई कर्मचारी के बच्चों का स्कूल का एडमिशन छूटा, तो कई कर्मचारी के मां बाप का इलाज रुका पर सरकार को इतनी चिंता नही की रात दिन स्वास्थ्य विभाग में कार्य कर रहे कर्मचारी खायेंगे क्या और परिवार का भरण पोषण करेंगे कैसे? ये स्थिति एक -दो की नही बल्कि राज्य भर के हजारों कर्मचारीयों की है।

जब सरकार से आस टूटी तो एसोसिएशन आया सामने

पहले तो कर्मचारी ये सोचते रहे की 2022-23 वित्तीय वर्ष शुरुवात को लेकर आवंटन आदेश आने में देरी हो रही है। महीने 2 महीने गुजरने के बाद जब सरकार से कोई आवंटन आदेश नहीं आया तो कर्मचारियों की स्थिति बदतर होने लगी और उनके धैर्य का बांध टूटा। कर्मचारियों ने अपने दुख दर्द से कर्मचारी संगठन ऑल झारखंड पारा मेडिकल एसोसिएशन (AJPMA) को अवगत कराया।मामले पर त्वरित गति से समाधान की दिशा में एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह ने एसोसिएशन के महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह को पत्र लिखकर वेतन की समस्या के समाधान की दिशा में कार्रवाई करने को कहा था।

पत्र प्राप्त होते ही महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह ने बैठक कर एसोसिएशन की राज्यस्तरीय कमिटी गठित की।कमिटी में उपाध्यक्ष उमा काबरा, उपाध्यक्ष चंदन ठाकुर,संयुक्त सचिव मनोज कुमार,कोषाध्यक्ष संजय कुमार ,महासचिव उपेंद्र कुमार,प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ,राज्य संयोजिका सुनंदा जायसवाल,आनंद कुमार यादव को शामिल किया गया। राज्यस्तरीय कमिटी के कई बार सचिव स्तरीय वार्ता, आंदोलन की धमकी, और एसोसिएशन के दबाब के बाद विभाग हरकत में आया।

वार्ता कर एसोसिएशन के पदाधिकारी बाहर निकलते हुए,फाइल फोटो

एसोसिएशन के दबाव के बाद विभाग ने मानी थी अपनी गलती

आवंटन आदेश जारी नही होने पर एसोसिएशन के बढ़ते दबाब से विभाग हरकत में आया और आवंटन आदेश की संचिका की खोजबीन शुरू की।तब जाकर पता चला की 2022-23 के लिए विधानसभा के वजट सत्र में इन कर्मियों से संबंधित शीर्ष में बजट की मांग ही नही की गई थी।एसोसिएशन की मांग पर विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह के निर्देश पर कर्मचारियों के वेतन के लिए JSF से फंड मांगने के संबंधित संचिका पर कार्य करने की शुरुवात की गई।जिस पर 15 जुलाई को हुई कैबिनेट की बैठक में 29,69,79,000 /- की स्वीकृति मिल गई।

केबिनेट स्वीकृति के बाद वित्त विभाग भेजी गई संचिका

केबिनेट की स्वीकृति के बाद पुनः संचिका वित्त विभाग भेजी गई ।प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्त विभाग ने अपनी स्वीकृति देते हुए संचिका को मूल विभाग में भेज दी गई है।अब विभाग जल्द आवंटन आदेश जारी करने में लगा है।इधर एसोसिएशन ने अबिलम्ब आवंटन जारी करने की मांग दोहराते हुए कहा है कि राज्य स्किम अंतर्गत योजना मद को जल्द से जल्द गैर योजना मद में बदलने की कारवाई को पुरा किया जाय ताकि हर वर्ष होने वाली परेशानी का स्थायी समाधान निकाला जा सके।

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