रांची। झारखंड राज्य अनुबंन्ध कर्मचारी महासंघ झारखण्ड से सम्बद्ध संघठन झारखण्ड समाज कल्याण संविदा कर्मचारी संघ झारखण्ड प्रदेश कमिटी की पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार काला बिल्ला लगाकर और विधायक गण को मांग पत्र सह ज्ञापन सौंपने के साथ आंदोलन की शुरुआत हो गई । संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रियंका कुमारी ने कहा सरकार लगातार संविदा कर्मी की अनदेखी कर हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही जिस कारण आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ रहा है, जिस क्रम में ज्ञापन सौंप कर ध्यान आकृष्ट कराया जा रहा है।

बोकारो :- श्री जयमंगल सिंह माननीय विधायक बेरमो को श्री मति पुष्पा सिंह .की अगुवाई में ज्ञापन सौंप कर अपनी मांग पूर्ति कराने का अनुरोध किया जिसके साथ मंजुलता -सहित दर्जनों महिला पर्यवेक्षक मौजूद थे ।

देवघर – देवघर में मंत्री अल्पसंख्यक कल्याण जनाब हफीजुल हसन को प्रियंका कुमारी प्रदेश अध्यक्ष के नेतृव में ज्ञापन सौंप कर महिला पर्यवेक्षक की समस्याओं को समाधान करने का आयह किया ।

सारवां में भी श्री बादल मंत्री कृषि एवं पशुपालन के प्रतिनिधि को ज्ञापन सुनीता कुमारी की अगुवाई में सौंपा गया ।

गिरीडीह – विधायक सुदिव्य कुमार सोनू को किरण प्रसाद की अगुवाई में ज्ञापन सौंप कर सरकार के साथ वार्ता कराते हुए मांग पूर्ति के अनुरोध किया गया ।

धनबाद विधायक पुर्णिमा नीरज सिंह को महिला पर्यवेक्षक ने ज्ञापन सौंप कर मांग पूर्ति अनुरोध किया ।इस ज्ञापन को नीतू कुमारी ने नेतृत्व किया।

गढ़वा में राणा तबोसुम, पलामू में अनुराधा कुमारी ,गोड्डा में कनकलता ,कोडरमा में पूनम कुमारी के अगुवाई में स्थानीय विधायक से मिलकर ज्ञापन सौंपा गया ।

आज के इस कार्यक्रम में 52 वी परियोजना से जुड़े महिला पर्यवेक्षिका ने भाग लिया जिनमे में निम्नलिखित बिंदुओं पर मांग सौप कर विधायक, मंत्री के समक्ष चर्चा किया गया :-

1.महीनों से बंद मानदेय :-राज्य के विभिन्न जिलों में महिला पर्यवे6 का मानदेय लम्बे समय से लंबित है। गोड्डा -24 माह ,बोकारो -19 माह देवघर -11 माह धनबाद 14 महीना सहित अन्य जिलों में यही हालत बनी है ।लंबित मानदेय के कारण हमलोगों का पर्व त्योहार फीका पड़ गया तथा वर्तमान में क्षेत्र भृमण ,यातायात व्यय ,बच्चो की शिक्षा ,माता पिता सास ससुर के ईलाज कार्य प्रभावित हो रहा है ।
इस पर गहरा असंतोष व्यक्त कर झारखण्ड सरकार के विरोध में आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है

2 कोर्ट निर्णय के बाद भी स्थाईकरण में लेट लतीफी :- महिला पर्यवेक्षक के मामले में हाई कोर्ट का स्पष्ट निर्णय है कि महिला पर्यवेक्षक को बिना शर्त सेवा स्थायी किया जाए मगर इस आदेश के पारित हुए लगभग 3 वर्ष होने वाले हैं मगर इस पर कोई ठोस पहल नही हुई है ।

मांग पूर्ति नही होने पर अनिश्चय कालीन हड़ताल ,मंत्री मुख्यमंत्री आवास का घेराव और विधानसभा /राज भवन के समक्ष धरना जैसे कार्यक्रम भी किया जाएगा ।

अनुलग्नक :-मांग पत्र ।
भवदीय
प्रियंका कुमारी
प्रदेश अध्यक्ष
समाज कल्याण संविदा कर्मचारी संघ संघ झारखण्ड ।

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