समाप्त हुआ Maha Kumbh! समापन के बाद क्या क्या आश्चर्यजनक आंकड़े सामने आए, जानकर आप चौंक जाएंगे

समाप्त हुआ Maha Kumbh! समापन के बाद क्या क्या आश्चर्यजनक आंकड़े सामने आए, जानकर आप चौंक जाएंगे

लगातार 45 दिन बाद महाकुंभ 26 फरवरी, बुधवार को महाशिवरात्रि के दिन समाप्त हुआ। इन 45 दिनों में 66 करोड़ से ज्यादा लोग इस महाकुंभ में आए और त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान किया है, ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है।बुधवार को प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर शिवरात्रि के दिन भी बड़ी संख्या में लोग स्नान करने पहुंचे।इस बार के महाकुंभ ने गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।
इस वर्ष का महाकुंभ मेला विशेष रहा। कारण यह है कि 70 देशों के लोग यहां आए थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस बार का महाकुंभ क्यों विशेष हुआ?उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस महाकुंभ को ‘विश्व इतिहास में अभूतपूर्व’ और ‘सचमुच अविस्मरणीय’ बताया। अनगिनत भक्तों, साधुओं और कल्पवासियों ने योगी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि भक्तों ने संगम में पवित्र डुबकी लगाकर पूरी दुनिया को राष्ट्रीय एकता और राष्ट्रवाद के प्रति समर्पण का संदेश दिया। उनके अनुसार, उन्हीं की वजह से यह महाकुंभ दिव्य और अधिक ऐतिहासिक बन गया है।
महाकुंभ में छह खास दिनों पर पुण्य स्नान हुआ। वह दिन थे 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा, 14 जनवरी को मकर संक्रांति, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या, 3 फरवरी को बसंत पंचमी, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि। साथ ही तीन शाही स्नान भी बेहद खास रहे। इसके अलावा कुल मिलाकर भक्तों पर 120 क्विंटल गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा की गई। महाकुंभ के समापन पर कुछ हैरान करने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिन्हें जानकर आप चौंक जाएंगे।
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इस वर्ष पर्यावरण संरक्षण और सफाई पर भी खास ध्यान दिया गया था, जैसा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया। महाकुंभ में इस बार गंगा की सफाई को लेकर एक रिकॉर्ड बना। प्रयागराज में 360 से ज्यादा सफाई कर्मी विभिन्न घाटों पर गंगा सफाई के लिए तैनात थे।महाकुंभ मेला के सबसे लंबे हाथ से बने चित्रकला के रिकॉर्ड में एक नया रिकॉर्ड स्थापित हुआ है। 2019 के कुम्भ मेले को पीछे छोड़ते हुए, जिसमें 7,660 मीटर लंबा चित्रकला बना था, इस बार 10,000 मीटर लंबा चित्रकला बना है, जिससे एक नया रिकॉर्ड स्थापित हुआ है।
इस महाकुंभ में पर्यावरण-friendly रंगों का उपयोग किया गया। इस मेले में बड़ी संख्या में लोग आए थे। कलाकारों ने इस महाकुंभ में एक अनोखी छाप छोड़ी है, ऐसा जानकारी दी है संयुक्त मजिस्ट्रेट राजापल्ली जगत साई ने।2019 के कुम्भ मेले में सफाई कर्मियों की संख्या 10,000 थी, जो प्रयागराज में स्वच्छता बनाए रखने में मदद कर रहे थे और तब वह गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ था। हालांकि, इस वर्ष सफाई कर्मियों की संख्या 19,000 तक पहुंच गई है।
उत्तरप्रदेश के नगर विकास मंत्री ए. के. शर्मा ने कहा कि महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम है। सफाई कर्मियों को उन्होंने ढेर सारी शुभकामनाएं दीं और उन्हें असली नायक बताया। उनके अनुसार, महाकुंभ मेला क्षेत्र को साफ रखने के लिए जिन्होंने दिन-रात मेहनत की, वे सच्चे नायक हैं।

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस साल महाकुंभ जाने के लिए 16,000 से ज्यादा ट्रेनों का प्रबंध किया गया था, जिससे 5 करोड़ से ज्यादा भक्तों को महाकुंभ में जाने की सुविधा मिली।महाकुंभ मेले में 1.25 करोड़ से ज्यादा भक्तों की भीड़ देखी गई। आपको जानकर हैरानी होगी कि 50 लाख से ज्यादा विदेशी भक्त इस प्रयागराज में आए और पवित्र गंगा स्नान किया। इस वर्ष महाकुंभ में अमेरिका, चीन, रूस सहित कई देशों के लोग आए थे।
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