झारखंड : कर्मचारी की मौत के बाद बीमा राशि को लेकर दो ‘पत्नियों’ का दावा, मामला पहुंचा थाने

बोकारो। झारखंड के बोकारो जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। बेरमो थाना क्षेत्र अंतर्गत सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) में कार्यरत एक कर्मचारी दिलीप कुमार की मौत के बाद जीवन बीमा (LIC) की रकम को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। जहां सीसीएल कर्मचारी की मौत के बाद दो महिलाओं ने खुद को मृतक की पत्नी बताते हुए बीमा राशि पर दावा ठोका है।
एक महिला को पहले ही लाखों रुपये की बीमा राशि मिल चुकी है, जबकि दूसरी महिला ने मामले में फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की है। मृतक के बीमा की 6.80 लाख रुपये की राशि को लेकर दो महिलाओं ने खुद को उसकी पत्नी शीला देवी बताया है और बीमा क्लेम पर दावा किया है।
बीमा कंपनी LIC ने अपनी प्रक्रिया के अनुसार उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर एक महिला शीला देवी को 6.80 लाख रुपये का डेथ क्लेम भुगतान कर दिया। लेकिन मामला तब उलझ गया जब दूसरी महिला शीला देवी सामने आई और उसने LIC एजेंट और ब्रांच मैनेजर पर मिलीभगत कर बीमा राशि हड़पने का आरोप लगाया।
दूसरी महिला का दावा है कि वह ही मृतक की वास्तविक पत्नी है और उसे नजरअंदाज कर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बीमा राशि दूसरे को दे दी गई है। उसने बेरमो थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बीमा क्लेम प्रक्रिया में दस्तावेजों का सत्यापन कैसे होता है?
बीमा कंपनी किसी भी डेथ क्लेम से पहले कई दस्तावेजों की मांग करती है:
• क्लेम फॉर्म: फॉर्म नंबर 3783 या 3783A (यदि पॉलिसी तीन वर्ष से अधिक पुरानी हो)
• मेडिकल सर्टिफिकेट्स: प्रारंभिक मृत्यु पर फॉर्म B, B1, और B2
• मृत्यु प्रमाणपत्र: नगर निगम या स्थानीय निकाय से जारी किया गया
• पॉलिसी बॉन्ड: मूल या डुप्लीकेट
• पहचान पत्र: पत्नी का आधार, पैन, वोटर आईडी आदि
• बैंक विवरण: रद्द चेक, पासबुक की प्रति
• मृत्यु सूचना पत्र: जिसमें मृत्यु का स्थान, तारीख और कारण स्पष्ट हो
इतनी विस्तृत प्रक्रिया के बावजूद फर्जीवाड़ा कैसे हुआ, यह जांच का विषय बन गया है।
फर्जी दस्तावेजों से क्लेम?
दूसरी महिला शीला देवी ने कहा कि एलआईसी एजेंट और अधिकारियों की मिलीभगत के बिना ऐसा घोटाला संभव नहीं है। उसने यह भी कहा कि उसने भी शादी के दस्तावेज, फोटो और पहचान प्रमाण प्रस्तुत किए हैं, जो उसकी वैधता को सिद्ध करते हैं।
पुलिस जांच के बाद खुलेगा सच्चाई का पर्दा
बेरमो पुलिस ने पुष्टि की है कि मामला दर्ज कर लिया गया है और अब दोनों महिलाओं के दावे, दस्तावेज, और एलआईसी अधिकारियों की भूमिका की गहन जांच की जा रही है।
यदि पाया गया कि किसी ने झूठे दस्तावेजों के आधार पर बीमा राशि प्राप्त की है, तो उसके खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में कार्रवाई की जा सकती है।