मोमोज खिलाकर अपनी ही पत्नी का करवाया घिनौना काम, महिला ने पति और दो साथियों पर लगाया आरोप, पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल

A man forced his wife to do the abominable act by feeding her momos; the woman accused her husband and two friends, raising questions about police action.

Crime News : पत्नी की पति ने ना सिर्फ खुद आबरू लूटी, बल्कि अपने दो दोस्तों से भी रेप करवाया। रिश्तों को शर्मिंदा करने वाली इस घटना ने हर किसी को हिलाकर रख दिया है। इस मामले में अब पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है। घटना मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले की है, जहां 9 सितंबर की रात एक महिला ने अपने पति और उसके दो साथियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

 

पत्नी का कहना है कि उसे बेहोश कर सुनसान जगह पर ले जाकर गैंगरेप किया गया। मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद आरोपी अब तक गिरफ्त में नहीं आए हैं। इस मामले ने पुलिस और प्रशासन की सक्रियता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

9 सितंबर की रात सागर-कानपुर हाईवे पर एक महिला ने अपने पति और उसके दो साथियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता का कहना है कि उसके पति ने उसे पहले बाजार से लाकर मोमोज खिलाए, जिससे उसकी तबीयत अचानक खराब हुई और वह बेहोश हो गई। इसके बाद पति और उसके दो दोस्त उसे अगवा कर सुनसान जगह पर ले गए और उसके साथ गैंगरेप किया।

 

पीड़िता ने आरोप लगाया कि घटना के दौरान उसके हाथ-पैर बंधे हुए थे और वह पूरी तरह बेहोश थी। स्थानीय लोगों ने महिला को सड़क किनारे बेहोश अवस्था में पाया और तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में होश में आने के बाद महिला ने पूरी घटना का विवरण बताया।

पुलिस में शिकायत दर्ज, लेकिन गिरफ्तारी नहीं

महिला ने सिविल लाइंस थाना में शिकायत दर्ज कराई और तीन दिन बाद एफआईआर भी दर्ज की गई। हालांकि, पूरे हफ्ते में पुलिस आरोपी पति और उसके दो साथियों को पकड़ने में नाकाम रही। पीड़िता ने चेतावनी दी है कि आरोपी अब भी खुलेआम घूम रहे हैं और उसके साथ अन्याय जारी है।मेडिकल जांच में गैंगरेप की पुष्टि हो चुकी है, जो आरोपों को गंभीरता प्रदान करती है। इसके बावजूद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। इस मामले ने छतरपुर में महिला सुरक्षा और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

पुलिस का रवैया

सिविल लाइंस थाना के प्रभारी वाल्मीक चौबे ने बताया कि आरोपी की तलाश जारी है और मामले की जांच की जा रही है। हालांकि जब मीडिया ने उनसे संपर्क किया, तो उनके जवाब टालमटोल वाले और अस्पष्ट लगे। आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं दिखाई गई।

 

प्रशासन और समाज में चिंता

इस पूरे मामले ने स्थानीय प्रशासन की सक्रियता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। महिला के आरोप बेहद गंभीर हैं और मेडिकल रिपोर्ट में भी पुष्टि हो चुकी है, लेकिन कार्रवाई केवल कागजों तक सीमित नजर आ रही है। विशेषज्ञों और समाजसेवियों का कहना है कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई न होने से न केवल पीड़िता के साथ अन्याय होता है, बल्कि समाज में डर और असुरक्षा की भावना भी बढ़ती है।

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