कारवाई: सिविल सर्जन कार्यालय घूसकांड में घूसखोर लिपिक का डीसी के निर्देश पर हुआ स्थानांतरण

Action: In the Civil Surgeon Office bribery case, the corrupt clerk was transferred on the instructions of DC

धनबाद: आखिरकार जिले के सिविल सर्जन को डीसी के निर्देश पर घुसखोर लिपिक का तबादला सिविल सर्जन कार्यालय से करना पड़ा। भ्रष्ट्राचार में लिप्त लिपिक संजूत सहाय कई मामले में आरोपी है। मामले का खुलासा होने के वावजूद सिविल सर्जन द्वारा कारवाई नहीं किए जाने पर जिले के डीसी ने संज्ञान लेकर सख्त निर्देश जारी किया था।

घूसखोरी मामले के आरोपी सिविल सर्जन कार्यालय के लिपिक संजुत कुमार सहाय का तबादला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, तोपचांची के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गोमो में पदस्थापित किया गया है।

डीसी माधवी मिश्रा ने जारी किया था सख्त निर्देश

30 मार्च शनिवार को समाहरणालय में आयोजित पीसी एंड पीएनडीटी की बैठक में उपायुक्त ने घूसखोरी मामले के आरोपी लिपिक को तत्काल पद से हटाने का निर्देश दिया था. इस निर्देश के आलोक में शनिवार की देर शाम सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानु प्रतापन ने लिपिक के स्थानांतरण संबंधित नोटिफिकेशन जारी कर दिया.

क्यों देना पड़ा आदेश

मालूम हो कि सीएस कार्यालय के लिपिक संजुत कुमार सहाय और सिविल सर्जन पर एक महिला कर्मी  ने 1 लाख रुपये घूस मांगने का आरोप लगाया था.जिसपर विभाग की खूब किरकिरी हुई थी। मामले का खुलासा होने पर घुसखोर लिपिक ने मामले को दबाने का पूरा प्रयास किया था।

इस संबंध में कांग्रेस नेता इजहार बिहारी ने पूर्व में उपायुक्त को शिकायत की थी. साथ ही उच्च न्यायालय में सीएस व लिपिक के खिलाफ रिट याचिका दायर की. इस पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त ने तत्काल प्रभाव से लिपिक को पद से हटाने का निर्देश दिया था.

क्या क्या है आरोप

अपने घूसखोरी और कारनामे के कारण लिपिक संजूत सहाय का विवादों से पुराना नाता रहा है। आय से अधिक संपत्ति की जांच भी जांच एजेंसी कर रही है। संगठन का धौंस दिखाकर खुद का स्थानांतरण रुकवाने, स्थानांतरण के बदले पैसे लेने , दवाओं में कमीशन खोरी, पासआउट ANM से सर्टिफिकेट के बदले पैसे,, चौकीदार से मेडिकल फिटनेस के बदले पैसे सहित कई गंभीर आरोप लगे हैं।

 

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