झारखंड में शराब घोटाला केस: उत्पाद विभाग के सहायक आयुक्त की मुश्किलें बढ़ीं, ACB ने मांगी रिमांड
Jharkhand liquor scam case: Troubles of Assistant Commissioner of Excise Department increased, ACB sought remand

झारखंड के कथित शराब घोटाला केस में गिरफ्तारी उत्पाद विभाग के सहायक आयुक्त गजेंद्र सिंह से पूछताछ होगी.कोर्ट से एसीबी ने गजेंद्र सिंह की सात दिन की रिमांड मांगी है. हालांकि, गजेंद्र सिंह के वकील ने इसका विरोध किया और कोर्ट ने भी अभी रिमांड पर कोई फैसला नहीं किया है. गजेंद्र सिंह इस वक्त न्यायिक हिरासत में हैं.
गौरतलब है कि 20 मई 2025 को एसीबी ने 6 घंटे तक चली लंबी पूछताछ के बाद वरीय आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे और उत्पाद विभाग के ज्वॉइंट कमिश्नर गजेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद उनका मेडिकल कराया गया और फिर कोर्ट में उनकी पेशी हुई. कोर्ट ने दोनों को 14 दिनों के लिए 3 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
एसीबी का आरोप है कि विनय चौबे और गजेंद्र सिंह 35 करोड़ रुपये के शराब घोटाला मामले में शामिल हैं. आरोप है कि शराब नीति में गड़बड़ी करके सरकारी राजस्व को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया गया.
20 मई 2025 को एसीबी ने गिरफ्तार किया था
शराब घोटाला केस में उत्पाद विभाग के तात्कालीन सचिव वरीय आईएएस विनय कुमार चौबे और सहायक आय़ुक्त गजेंद्र सिंह सहित कुल 5 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. कोर्ट ने आईएएस विनय कुमार चौबे के साले सहित अन्य करीबियों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है.
आरोप है कि 31 मार्च 2023 को झारखंड में लागू हुई नई शराब नीति में निजी शराब कंपनियों के साथ मिलकर गड़बड़ी की गयी और सरकारी राजस्व को कम से कम 35 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया. एसीबी ने यह भी कहा है कि प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक 35 करोड़ रुपये के सरकारी राजस्व के नुकसान का पता चला है. हो सकता है कि राशि 100 करोड़ रुपये के पार हो.
एसीबी की कार्रवाई को विपक्ष ने दिखावा बताया
एसीबी की इस कार्रवाई को विपक्ष ने दिखावा बताया है.
बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया कि पिछले साल ही शराब घोटाला को लेकर आगाह किए जाने के बावजूद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इसकी जानकारी कैसे नहीं थी. किसे बचाने के लिए एसीबी का सहारा लिया जा रहा है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जिनको गिरफ्तार किया गया है उनको इस केस में बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग की.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की तर्ज पर ही यहां शराब नीति लागू की गयी थी. छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस की जानकारी ईडी कर रही है और बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इस सिलसिले में आईएएस बिनय कुमार चौबे से भी पूछताछ संभव थी इसलिए उनको एसीबी के हाथों गिरफ्तार करवा कर जांच को प्रभावित करने की कोशिश की गयी.