गजब! आसमान से मछली, कछुआ और सांपों की बारिश, छतों-सड़कों पर तैरती दिखीं विदेशी प्रजातियों की मछली, रातभर चली ‘मछली पकड़ो’ मुहिम, किसी ने पकाई, किसी ने पाली

Amazing! Rain of fish, turtles and snakes from the sky, fish of foreign species were seen floating on roofs and roads, 'catch the fish' campaign went on all night, some cooked them, some raised them

Fish With Rain : क्या आपने कभी आसमान से मछलियों की बरसात होते देखी है? यह सुनने में भले ही किसी कहानी या कल्पना जैसी लगे, लेकिन ऐसा हकीकत में हुआ है। इस रहस्यमयी और चौंकाने वाली घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। जानकारी के मुताबिक रात करीब 8 बजे, जब तेज आंधी और बारिश के साथ गांव में मछलियों, कछुओं और यहां तक कि सांपों की बारिश शुरू हुई, तो लोग पहले तो हैरान रह गए, लेकिन कुछ ही देर में मछली पकड़ने की होड़ लग गई।

 

घटना की खबर तेजी से आसपास के गांवों में फैली। रात में ही लोगों की भारी भीड़ मछली पकड़ती नजर आई।कुछ लोगों ने उन्हें पकाकर खाया, तो कई लोगों ने सावन के महीने का हवाला देते हुए उन्हें पानी में जीवित रखकर पालना शुरू कर दिया।

 

ग्रामीणों के मुताबिक “मछलियां गली, छत, खेत और सड़कों पर चारों ओर फैली थीं। करीब 800 किलो से ज्यादा मछलियां गिरी होंगी। कुछ प्रजातियों को तो लोग पहचान ही नहीं पाए—संभवतः वे विदेशी थीं।इस दृश्य ने मानो गांव को रातों-रात मछली बाजार में तब्दील कर दिया।

 

बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग—हर कोई बाल्टी, टोकरियां और हाथ में बर्तन लेकर मछलियां समेटता नजर आया।जहां गांव के कई लोग इसे ईश्वर की लीला मानकर पूजा-पाठ में लग गए, वहीं वैज्ञानिकों ने इसे ‘वाटरस्पॉट’ नामक प्राकृतिक घटना बताया है।

 

स्थानीय बुजुर्गों ने भी स्वीकारा कि उन्होंने अपने जीवन में कभी ऐसा दृश्य नहीं देखा।अब इस घटना को लेकर लोग हैरानी, रोमांच और श्रद्धा के मिले-जुले भाव में हैं, जबकि मौसम वैज्ञानिक इसे दुर्लभ लेकिन वैज्ञानिक रूप से संभव घटना मान रहे हैं।

 

क्या है वाटरस्पॉट? कैसे मछलियां पहुंचीं आसमान तक?

वाटरस्पॉट एक तरह का छोटा बवंडर होता है, जो किसी झील, तालाब या समुद्र की सतह पर बनता है। यह घूर्णन करती हवा की शक्तिशाली धार होती है, जो पानी के साथ-साथ उसके भीतर मौजूद जीवों—जैसे मछलियों, मेंढकों, केकड़ों आदि—को हवा में उड़ा लेती है।ये जीव कई सौ फीट ऊपर बादलों तक पहुंच जाते हैं, और फिर जब बारिश होती है, तो वे पानी के साथ जमीन पर गिरते हैं।

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