मां तो मां होती है : खुद आग में झुलस कर ऐसे बचाई अपने बेटे की जान…

दुमका : जिसके ऊपर मां का साया रहता है उसके ऊपर कोई मुश्किल नहीं आ सकता। मां सारे विपत्ति अपने ऊपर ले कर के संतान की रक्षा करती हैं। इसका नमूना दुमका में देखने को मिला जब अपने बेटे को आग की लपटों से निकालकर लाने के लिए एक मां ने अपनी जान जोखिम में डाल दी। इस दौरान वे खुद आग में झुलस गई लेकिन बच्चे की जान बचाई।
दुमका के फूलों झानो मेडिकल कॉलेज के बर्न वार्ड में आग से झुलसने के बाद इलाज करा रहा है 5 वर्षीय प्रिंस कुमार 2 दिन पूर्व अपनी मां के साथ मौसी घर जामा प्रखंड के पलासी गांव से रामगढ़ प्रखंड के डुमरजोर गांव गया था। शनिवार की रात 10:00 बजे तक खाना खाकर मासूम अपनी मां हेमा देवी और मौसी के साथ एक कमरे में सो गया। मां और मौसी एक बेड पर थे जबकि प्रिंस दूसरे बेड पर था।अचानक रात 11:00 बजे के बाद घर में आग लग जाती है मौसी की नींद टूटी तो चिल्लाती हुई हेमा को जगाती है। हेमा देवी की जैसे ही नींद खुली आग के बीच अपने आप को घिरा पाया। यह देख कमरे से बाहर भागती है और आग बुझाने के लिए पानी लाने के लिए बाहर निकलती है। उसे यह याद नहीं रहा की उसका जिगर का टुकड़ अंदर ही रह गया।
इधर शोरगुल सुनकर प्रिंस नींद खुली तो वह अपने आप को आग में घीरा पाया। यह देख वह बुरी तरह घबरा गया जब कुछ समझ में नहीं आया तो वह डरकर बेड के नीचे छिप गया। इधर कमरे में आग चारो तरफ फैल चुकी थी। शोरगुल सुनकर गांव के लोग एकत्रित हो गए थे सभी अपने अपने स्तर से आग बुझाने में लगे थे। इसी बीच हेमा को ध्यान आया कि प्रिंस तो कमरे में ही है। जैसे ही हेमा को याद आया और बेचैन हो गई और कमरे के अंदर बिना अपनी जान की परवाह किए बगैर कमरे में प्रवेश कर गई। कमरे के अंदर जाकर देखा तो बेड पर प्रिंस नहीं था वह बेड के नीचे बेहोश पड़ा हुआ था। उसे चेहरा झुलस चुका था। उसी हालत में हेमा प्रिंस को गोद में लेकर आग के बीच दौड़ती हुई बाहर निकली। प्रिंस को बचाने के क्रम में उसके हाथ और पैर आग में झुलस गए। पर वह खुश थी कि वह अपने बेटे को बचा ली।
फिलहाल हेमा और उसके बेटे दोनों को दुमका के फूलों झानो मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया जहां उसकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है।