पहाड़ों में छिपा एक चमत्कारी पौधा… जो खूबसूरती बढाकर बाल झड़ने तक की बड़ी समस्या खत्म कर देता है… 

सदियों से आयुर्वेद में प्रयोग होने वाला एक दुर्लभ पौधा—रतनजोत—आज फिर चर्चा में है। खूबसूरती बढ़ाने से लेकर गंभीर बीमारियों तक में इसका इस्तेमाल किया जाता रहा है। हिमालय और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में मिलने वाला यह औषधीय पौधा अब जंगलों के दोहन के कारण बहुत कम दिखाई देता है, लेकिन इसकी जड़ों का महत्व आज भी उतना ही गहरा है।

रतनजोत—सुंदरता का प्राकृतिक रहस्य

रतनजोत की जड़, पत्ते, फल और बीज सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं, लेकिन इसकी जड़ का सबसे अधिक उपयोग स्किन और ब्यूटी केयर में किया जाता है। इसकी जड़ें लाल या भूरे रंग की होती हैं, जिनका पाउडर और तेल दोनों बाजार में उपलब्ध हैं।
आयुर्वेद के अनुसार रतनजोत की जड़—
• शरीर को ठंडक देती है
• पित्त कम करती है
• खून को शुद्ध करती है
• त्वचा की समस्याओं को ठीक करती है

स्किन के लिए किसी दवा से कम नहीं

रतनजोत में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण घाव भरने और जलन शांत करने में बेहद असरदार हैं।
– घाव, जलन या त्वचा एलर्जी होने पर रतनजोत का पेस्ट या तेल लगाने से तुरंत राहत मिलती है।

बालों के लिए प्राकृतिक अमृत

आज के समय में बाल झड़ना, डैंड्रफ और समय से पहले सफेद होना आम समस्या बन चुकी है। रतनजोत इन सभी में असरदार माना जाता है।
• रतनजोत का पाउडर नारियल तेल या सरसों के तेल में गर्म करें और हल्का ठंडा होने पर लगाएं।
इससे—
– बाल झड़ना कम होता है
– डैंड्रफ खत्म होता है
– स्कैल्प की फंगस दूर होती है
– बाल नेचुरल तरीके से काले होने लगते हैं
यह नेचुरल डाई की तरह काम करता है।

होंठों को बनाता है प्राकृतिक गुलाबी

रतनजोत से तैयार तेल होंठों के कालेपन को कम कर उन्हें गुलाबी बनाने में मदद करता है। इसलिए कई हर्बल बाम में भी इसका उपयोग किया जाता है।

चेहरे का निखार लौटाने में असरदार

रतनजोत का फेस पैक पुराने से पुराने दाग-धब्बे हल्के करने में कारगर माना जाता है।
– रतनजोत पाउडर + मुल्तानी मिट्टी + गुलाबजल
इस फेसपैक को हफ्ते में दो बार लगाने से त्वचा चमकदार और दागमुक्त दिखने लगती है

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