अतुल सुभाष जैसा मामला आया सामने, लिखा-‘मेरी पत्नी के टॉर्चर की वजह से हुई’

अतुल सुभाष जैसा मामला आया सामने, पत्र में लिखा-‘ पत्नी के टॉर्चर की वजह से हुई…

कर्नाटक के हुबली शहर से एक बड़ी घटना सामने आई है। जहां पीटर नाम के व्यक्ति ने अपनी पत्नी पिंकी द्वारा कथित तौर पर किए गए उत्पीड़न से तंग आकर कदम उठा लिया।इस घटना ने न केवल शहर को झकझोर कर रख दिया है। बल्कि घरेलू हिंसा और वैवाहिक विवादों पर बहस छेड़ दी है।

 नोट में पत्नी पर गंभीर आरोप

पीटर ने छोड़े गए  नोट में अपनी पत्नी पिंकी को सीधे तौर पर इस कदम के लिए जिम्मेदार ठहराया। उसने लिखा कि पिताजी मुझे खेद है। इस भावुक संदेश में पीटर ने अपने परिवार से माफी मांगते हुए अपनी पत्नी पर शारीरिक हिंसा और मानसिक यातना का आरोप लगाया। उसने यह भी कहा कि मैं अपनी पत्नी की यातना के कारण ये कदम उठा  रहा हूं।

शादीशुदा जीवन में कलह की कहानी

मृतक के परिवार ने बताया कि पीटर और पिंकी की शादी शुरुआत से ही तनावपूर्ण थी। पीटर के पिता ओबैया ने खुलासा किया कि पिंकी का व्यवहार संदिग्ध था। वह सुबह जल्दी घर से निकल जाती थी और देर रात लौटती थी। जब उससे सवाल किए जाते तो वह परिवार पर प्रताड़ना का आरोप लगा देती।

पीटर की मां रुबिका और भाई जोयल ने बताया कि पिंकी ने तलाक के लिए भारी मुआवजे की मांग की थी। पीटर ने अपने बहनोई की सलाह पर पिंकी को उसकी नौकरी छोड़ने को कहा। जिससे उनकी समस्याएं और बढ़ गई। परिवार ने पिंकी के शिक्षण पेशे और उसके काम के घंटों पर भी सवाल उठाए।

जान देने के पीछे छिपा दर्द

पीटर के भाई जोयल ने बताया कि सुसाइड नोट मिलने के बाद पूरा परिवार गहरे सदमे में है। नोट में पीटर ने अपनी पत्नी द्वारा किए गए दुर्व्यवहार और अपनी जिंदगी में बढ़ते तनाव का जिक्र किया। उसने अपने परिवार से माफी मांगते हुए लिखा कि उसे अपनी पत्नी के कारण यह कठोर कदम उठाना पड़ रहा है।

घरेलू हिंसा पर सवाल, कानूनी जांच जारी

इस मामले ने एक बार फिर घरेलू हिंसा और मानसिक प्रताड़ना से जुड़े मुद्दों को चर्चा में ला दिया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पिंकी की मुआवजे की मांग और दंपति के बीच चल रहे तलाक विवाद ने कानूनी प्रक्रिया को और भी जटिल बना दिया है।

समाज के लिए कड़ा संदेश

यह घटना हुबली के साथ पूरे देश को यह सोचने पर मजबूर करती है कि घरेलू हिंसा और वैवाहिक कलह के कारण कितने जीवन बर्बाद हो रहे हैं। पीटर की दुखद मौत न केवल उनके परिवार के लिए एक गहरा आघात है। बल्कि यह समाज को ऐसी परिस्थितियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का आह्वान करती है।

पीटर की मौत से यह सवाल उठता है कि क्या हमारा समाज और कानूनी तंत्र वैवाहिक विवादों में फंसे लोगों को पर्याप्त सहायता और समाधान प्रदान कर पा रहा है। यह घटना घरेलू हिंसा और मानसिक उत्पीड़न से पीड़ित व्यक्तियों के लिए जागरूकता और समर्थन की आवश्यकता पर बल देती है।

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