महिला शिक्षिकाओं के लिए बड़ी राहत: 20 मई तक जारी होगी ट्रांसफर लिस्ट, 11 हजार से अधिक शिक्षिकाओं का होगा स्थानांतरण

Teacher Transfer: महिला शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहतभरी खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने 11 हजार से ज्यादा महिला शिक्षिकाओं का अंतरजिला स्थानांतरण इस महीने के अंत तक पूरा करने की घोषणा की है। शिक्षा विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, ट्रांसफर की गाइडलाइन जल्द ही जारी की जाएगी और स्थानांतरण की प्रक्रिया 20 मई तक पूरी कर ली जाएगी।
बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि स्थानांतरण सूची 20 मई से पहले ही जारी कर दी जाएगी। इसके तहत जिन शिक्षकों का ट्रांसफर हो चुका है, उन्हें 20 मई तक नए स्कूल आवंटित कर दिए जाएंगे। वहीं, 21 मई तक प्रधानाध्यापकों का पदस्थापन भी सुनिश्चित किया जाएगा।
एसएमएस और पोर्टल के जरिए मिलेगी जानकारी
दूरी के आधार पर स्थानांतरण पाने वाली महिला शिक्षकों को सबसे पहले उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस भेजा जाएगा। इसके बाद वे ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर लॉगइन करके देख सकेंगी कि उनका स्थानांतरण किस जिले में किया गया है।
राज्य में टीआरई-वन और टीआरई-टू परीक्षा के माध्यम से कुल 1,73,043 शिक्षक नियुक्त किए गए हैं, जिनमें 86,243 महिला और 86,794 पुरुष शिक्षक शामिल हैं।
आवेदन प्रक्रिया और चरणबद्ध स्थानांतरण
गौरतलब है कि पिछले वर्ष 1 दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच विशेष परिस्थितियों वाले महिला-पुरुष शिक्षकों से ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे। इस प्रक्रिया के तहत कुल 1.90 लाख शिक्षकों ने आवेदन किए, जिनकी स्क्रूटिनी राज्य मुख्यालय स्तर पर की गई।
स्थानांतरण प्रक्रिया को पांच चरणों में विभाजित किया गया:
पहला चरण: पुराने वेतनमान वाले 47 शिक्षकों का अंतरजिला स्थानांतरण।
दूसरा चरण: असाध्य रोगों से पीड़ित 260 शिक्षकों का ट्रांसफर।
तीसरा चरण: गंभीर बीमारियों, दिव्यांगता, विधवा-परित्यक्ता, एवं पति के स्थान पर कार्यरत 10,225 महिला शिक्षकों का स्थानांतरण।
चौथा चरण: दूरी के आधार पर 7,351 पुराने वेतनमान एवं विशेष सक्षमता परीक्षा पास महिला शिक्षकों का ट्रांसफर।
पाँचवां चरण: सभी कोटियों से छूटे हुए 261 शिक्षकों का अंतरजिला स्थानांतरण।
इन सभी चरणों में कुल मिलाकर 18,054 शिक्षकों का स्थानांतरण किया जा चुका है।
अब तक की इस प्रक्रिया से महिला शिक्षकों को अपने परिवार के पास या सुविधाजनक स्थानों पर कार्य करने का अवसर मिल रहा है, जिससे न केवल उनकी व्यक्तिगत समस्याएं हल हो रही हैं बल्कि शिक्षा व्यवस्था में भी सुधार की उम्मीद की जा रही है।