झारखंड : मंडल डैम परियोजना को लेकर बढ़ी उम्मीद, झारखंड की मुख्य सचिव ने किया निरीक्षण

Jharkhand: Hopes increased regarding Mandal Dam project, Jharkhand Chief Secretary inspected it

  • -70 के दशक से अधूरी है उत्तर कोयल नहर परियोजना

पलामू : झारखंड की बहुप्रतीक्षित मंडल डैम परियोजना को लेकर एक बार फिर उम्मीदें जगी हैं। शनिवार को झारखंड सरकार की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने परियोजना स्थल का निरीक्षण किया और संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ मुआवजा व पुनर्वास से जुड़ी समस्याओं की समीक्षा की। यह परियोजना उत्तर कोयल नहर योजना का हिस्सा है, जो 1970 के दशक से अधूरी पड़ी है।

प्रधानमंत्री ने 2019 में रखी थी आधारशिला, अब भी अधूरा है कार्य

5 जनवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंडल डैम परियोजना के अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए आधारशिला रखी थी। इस परियोजना को 2022 तक पूरा किया जाना था, लेकिन मुआवजा विवाद और विस्थापन से जुड़ी जटिलताओं के कारण यह अब तक पूरी नहीं हो सकी है। 2025 तक भी कार्य पूर्ण नहीं हो पाया, जिससे स्थानीय किसानों और प्रभावित परिवारों में निराशा है।

वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ निरीक्षण

मुख्य सचिव के साथ कृषि एवं वन विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी, जल संसाधन विभाग के सचिव प्रशांत कुमार और पलामू, गढ़वा व लातेहार जिलों के डीसी व एसपी उपस्थित रहे। निरीक्षण के दौरान डैम क्षेत्र के विस्थापित परिवारों के मुआवजे, पुनर्वास और मूलभूत सुविधाओं पर चर्चा की गई।

नक्सल प्रभावित क्षेत्र से विस्थापित परिवारों से की मुलाकात

मुख्य सचिव अलका तिवारी ने पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से विस्थापित परिवारों से भी मुलाकात की। यह इलाका पहले नक्सलियों का गढ़ था। यहां से 79 परिवारों को सतबरवा प्रखंड के पोलपोल क्षेत्र में बसाया गया है। इनमें कुजरूम के 57 और जयगिर के 22 परिवार शामिल हैं।

पोलपोल को मॉडल गांव के रूप में विकसित करने का निर्देश

मुख्य सचिव ने पोलपोल में रह रहे विस्थापित ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को गांव को मॉडल विलेज के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने भूमि दस्तावेजों की समस्या, बच्चों के स्कूल में नामांकन और अन्य बुनियादी जरूरतों को शीघ्र पूरा करने के आदेश दिए। इस दौरान पलामू टाइगर रिजर्व के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

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