Char Dham Yatra में इस साल Reels बनाने वालों की रहेगी No Entry….

Char Dham Yatra: आपने जो विषय उठाया है, वह वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण है। सोशल मीडिया और खासकर Reels, यूट्यूब जैसे प्लेटफार्मों का प्रभाव आजकल समाज पर बहुत ज्यादा बढ़ गया है। बहुत से लोग सोशल मीडिया पर अपनी पहचान बनाने के लिए जगह-जगह घूमकर वीडियो बनाते हैं, लेकिन इसका कुछ नकारात्मक असर भी देखने को मिल रहा है, खासकर धार्मिक स्थलों पर।
उत्तराखंड के चार धाम यात्रा, जो कि एक बहुत ही महत्वपूर्ण और पवित्र यात्रा मानी जाती है, अब इन सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और यूट्यूबर्स के कारण एक नई चुनौती का सामना कर रही है। धार्मिक स्थानों पर आस्था और श्रद्धा का पालन करने के बजाय, कुछ लोग सोशल मीडिया की लोकप्रियता के लिए इन स्थलों का उपयोग कर रहे हैं। इस कारण कई बार यात्रियों और धार्मिक स्थलों के आसपास के वातावरण में असमंजस और अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
पंडा समाज और मंदिर प्रबंधन द्वारा लिए गए फैसले इस बात को ध्यान में रखते हुए हैं कि यात्रा और तीर्थस्थलों का सम्मान बना रहे और धार्मिक श्रद्धा को भी महत्व मिले। यदि ये कदम सही दिशा में उठाए गए हैं, तो यह धार्मिक स्थलों की पवित्रता और यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
आशा है कि इस प्रकार के फैसले यात्रियों और तीर्थस्थलों के बीच संतुलन बनाए रखेंगे और भविष्य में इस तरह के मामलों से निपटने के लिए और बेहतर कदम उठाए जाएंगे।
Char Dham Yatra: Reels बनाने वालों नहीं मिलेंगे दर्शन
रिपोर्ट में बताया गया कि पिछले साल Reels बनाने वालों की वजह से काफी अव्यवस्था फैल गयी थी। समु्द्रतल से करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद केदारनाथ धाम में Reels बनाने के लिए कुछ लोगों ने ढोल-नगाड़ों का शोर करना शुरू कर दिया था। यह शोर अक्षय तृतीया के दिन केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के शुरुआती 10-12 दिनों तक जारी था। इस वजह से केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे शिवालिक पर्वतश्रृंखला पर हिमस्खलन भी हुआ था, जिसने लोगों की सांसे ही रोक दी थी।
हालांकि बाद में केदारनाथ धाम मंदिर परिसर में ढोल-नगाड़ा बजाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गयी थी। इसलिए इस साल मंदिर परिसर में किसी को कैमरा भी ऑन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। तिवारी ने बताया कि इस बारे में प्रशासन को भी जानकारी दे दी गयी है। अगर कोई भी श्रद्धालु यूट्यूब या किसी भी सोशल मीडिया के लिए Reels बनाता हुआ पकड़ा जाता है तो उसे बिना दर्शन किये ही वापस लौटा दिया जाएगा।
Char Dham Yatra: पहले महीने में नहीं मिलेगा VIP दर्शन
विभिन्न धार्मिक जगहों पर अतिरिक्त रुपए देकर VIP दर्शन करना ट्रेंड बन गया है। चार धाम यात्रा के दौरान भी बड़ी संख्या में लोग अतिरिक्त रुपए देकर VIP दर्शन का लाभ उठाते हैं। लेकिन इस साल चार धाम यात्रा शुरू होने के शुरुआती पहले महीने में VIP दर्शन नहीं होंगे। इस बारे में दैनिक भाष्कर से हुई बातचीत के दौरान बद्रीनाथ धाम के पंडा पंचायत के कोषाध्यक्ष अशोक टोडरिया का कहना है कि रुपए लेकर दर्शन करवाना भगवान की मर्यादा के खिलाफ है।
इसलिए पहले महीने में न तो VIP दर्शन होंगे और न ही VIP प्रोटोकॉल के तहत दर्शन होंगे। हां, अगर कोई VIP सामान्य श्रद्धालुओं की तरह दर्शन करना चाहता है, तो ऐसा कर सकता है। लेकिन VIP को गनर, एस्कॉट या फिर मंदिर में प्रवेश करने के लिए अलग से कोई सुविधा नहीं मिलेगी।
Char Dham Yatra: कब से शुरू होगी चार धाम यात्रा
30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन चार धाम की यात्रा शुरू होगी। इस दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोल दिये जाएंगे। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे और 4 मई को विधि-विधान के साथ बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम की यात्रा पूरी तरह से शुरू हो जाएगी।
बता दें, चार धाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है। अब तक 9 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। इनमें सबसे ज्यादा 3 लाख श्रद्धालुओं ने केदारनाथ और 2.24 लाख श्रद्धालुओं ने बद्रीनाथ धाम के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। वहीं 8 हजार श्रद्धालुओं ने हेमकुंड साहिब के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है।
चार धाम की यात्रा के दौरान अगर अचानक मौसम बिगड़ जाता है, तो 10 जगहों पर होल्डिंग क्षेत्र बनाएं जाएंगे। यहां पानी, शौचालय, रात को रुकने के लिए बिस्तर, आवश्यक दवाईयां और खाने की आपातकालिन व्यवस्था रहेगी। झारखंड : स्वास्थ्य विभाग में हुई भर्ती में बड़ा गोलमाल, एक सर्टिफिकेट पर दो लोग कर रहे नौकरी, राज्यपाल के एक्शन पर मचा हड़कंप
Char Dham Yatra: जिन 10 जगहों पर होल्डिंग क्षेत्र बनाएं जाएंगे, वह हैं –
- हरिद्वार
- ऋषिकेश
- ब्यासी
- श्रीनगर
- रुद्रप्रयाग
- सोनप्रयाग
- हरबटपुर
- विकासनगर
- बड़कोट
- भटवाड़ी