झारखंड में दलबदलूओं को मिली हार: 27 दलबदलूओं को बनाया गया था प्रत्याशी, सिर्फ 8 को मिली जीत, 19 हारे, देखिये किस पार्टी में कौन हारा…

Defeat for turncoats in Jharkhand: 27 turncoats were made candidates, only 8 won, 19 lost, see who lost in which party...

Jharkhand Election : झारखंड में इस बार दलबदलूओं को जनता से खारिज कर दिया। दल बदलकर चुनाव के ऐन पहले मूल कार्यकर्ताओं के हक पर डाका डालने वाले 27 उम्मीदवारों को अलग-अलग पार्टियों से टिकट मिला था। लेकिन उसमें से 80 फीसदी कार्यकर्ताओं को हार का मुंह देखना पड़ा।

 

भाजपा, झामुमो, कांग्रेस सहित सभी दलों में दलबदलू पहुंचे थे। 27 उसमें से टिकट पाने में कामयाब रहे, लेकिन उनमें से 19 को हार का मुंह देखना पड़ा, जबकि 8 प्रत्याशी जीतकर विधानसभा में पहुंचने में कामयाब रहे। झामुमो ने 7 दलबदलू उम्मीदवारों को टिकट दिया था, लेकिन उनमें से चार जीतने में कामयाब रहे।

 

झामुमो ने भाजपा छोड़कर पार्टी में शामिल हुए गणेश महली को सरायकेला विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था। वह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले चंपाई सोरेन से हार गए हैं. राजमहल विधानसभा सीट पर झामुमो ने आजसू के एमटी राजा को टिकट दिया था, वह चुनाव हार गए हैं. भाजपा छोड़कर झामुमो में शामिल होने वाले केदार हाजरा भी जमुआ विधानसभा सीट पर चुनाव हार गए हैं। वहीं भाजपा में शामिल होने वाले 8 दलबदलुओं को टिकट दिया था. इनमें से 5 हार गए।

 

चुनाव के ठीक पहले आजसू से भाजपा में आए रोशनलाल चौधरी ने बड़कागांव की कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद को पराजित कर दिया। कांग्रेस छोड़कर आने वाली जमुआ की उम्मीदवार डॉ मंजु देवी ने इस विधानसभा सीट पर जीत दर्ज कर ली है। झामुमो से भाजपा में आने वाले चंपाई सोरेन ने सरायकेला विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करके अपनी बादशाहत बरकरार रखी है। अपनी-अपनी पार्टी छोड़कर आजसू, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी में शामिल होने वाले सभी उम्मीदवारों को हार का मुंह देखना पड़ा।

 

आंकड़ों की बात करें को झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले 7 दलबदलू में तीन को हार मिली। वहीं लुईस मरांडी, उदय शंकर सिंह, उमाकांत रजक, अनंत प्रताप देव को जीत मिली। जबकि गणेश महली, एमटी राजी और केदार हाजरा को हार मिली। भाजपा ने 8 दलबदलू को टिकट दिया था, उसमें सिर्फ तीन ही जीते। रौशनलाल चौधरी, डा मंजू देवी और चंपाई सोरेन जीते, जबकि लोबिन हेंब्रम, सीता सोरेन, बाबूलाल सोरेन, गीता कोड़ा और कमलेश कुमार सिंह को हार का मुंह देखना पड़ा।

 

कांग्रेस ने दो दलबदलू को टिकट दिया था, जिसमें राधाकृष्ण किशोर को जीत मिली, जबकि लाल सूरज हार गये। आजसू ने दो दलबदलू को टिकट दिया था, दोनों हार गये। समाजवादी पार्टी ने 7 दलबदलू को टिकट दिया था, सातों चुनाव हार गये। बसपा ने एक को दिया था, वो भी चुनाव हार गये।

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