स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल कल से : अनुबंधकर्मियों से वादाखिलाफी सहित इन मांगों पर नाराज स्वास्थ्यकर्मियों ने किया हड़ताल का ऐलान….. स्वास्थ्य व्यवस्था होगी ठप…

धनबाद जिले भर के स्वास्थ्य कर्मी 13 अक्टूबर से तीन दिवसीय धरना पर बैठेंगे। पूर्व में ही जिलेभर के संयुक्त स्वास्थ्य कर्मचारी संघ इस बाबत सिविल सर्जन को सूचना दे चुके हैं। मालूम हो जिले भर के अनुबंध कर्मचारियों के अनुभव बोनस को मानदेय में जोड़ कर भुगतान करने की मांगे लंबित है। बार-बार सिविल सर्जन की ओर से मात्र आश्वासन दिया जा रहा है। जिले के तत्कालीन सिविल सर्जन श्याम किशोर कांत ने इस बाबत आदेश जारी किया था। जिसका अब तक अनुपालन नहीं हो पाया है। 1 अगस्त 2022 से जिले के सिविल सर्जन के रूप में डॉ आलोक विश्वकर्मा ने पदभार संभाला। इसके बाद जिले भर के कर्मचारी संगठन से कई दौर की वार्ता हो चुकी है। सिविल सर्जन स्तर से मात्र आश्वासन मिला है।बार बार आश्वासन से क्षुब्ध होकर कर्मचारी ने आंदोलन करने का निर्णय लिया है।

आंदोलन में कौन-कौन से कर्मचारी संगठन हो रहे हैं शामिल

झारखंड चिकित्सा जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ

ऑल झारखंड पारा मेडिकल एसोसिएशन

झारखंड राज्य एएनएम /जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ

झारखंड राज्य अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ

क्यों है कर्मी आंदोलन पर उतारू

कर्मचारी संघ के नेताओं ने कहा वर्तमान सिविल सर्जन का ध्यान इस ओर कई बार आकृष्ट कराया गया है, साथ ही इस संबंध में कई बार प्रतिनिधि मंडल की वार्ता भी हो चुकी है। सिविल सर्जन ने आश्वस्त किया था कि हर हाल में कर्मचारियों को उसका हक मिलेगा। इस संबंध में उन्होंने सार्वजनिक रूप से कर्मचारियों के बीच में भी इस का आश्वासन दिया। बावजूद इसके इस संबंध में अब तक कोई कार्यवाही नहीं होने से कर्मचारियों में आक्रोश है। कर्मचारियों के पास आंदोलन के सिवाय अब और कोई रास्ता नहीं बच रहा। इसीलिए अल्प मानदेय पर कार्यरत कर्मी अनुभव राशि को मानदेय में जोड़ का भुगतान करने की मांग पर कल से तीन दिवसीय धरना सह प्रदर्शन करेंगे। धरना कार्यक्रम सिविल सर्जन कार्यालय के समक्ष होगा। जिसमें जिले के सभी स्वास्थ्यकर्मी नियमित/ अनुबंध शामिल होंगे।

स्वास्थ्य व्यवस्था होगी ठप्प

तीन दिवसीय धरना कार्यक्रम में स्वास्थ्य कर्मचारियों के शामिल होने से जिले भर के स्वास्थ्य व्यवस्था ठप्प हो सकती है। स्वास्थ्य कर्मचारी अभी नियमित टीकाकरण, कोविड-19 टीकाकरण, प्रसव गृह, आपातकालीन ड्यूटी, OPD ड्यूटी एवम मुख्यमंत्री आपके द्वार कार्यक्रम में लगे हुए हैं। लंबित मांगों के समर्थन में आंदोलनरत होने से स्वास्थ्य व्यवस्था पर असर पड़ेगा।

“आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम “में हो सकती है किरकिरी

मालूम हो कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पूर्व घोषित कार्यक्रम आपके सरकार आपके द्वार की शुरुआत 12 अक्टूबर से हो रही है जिसमें स्वास्थ्य विभाग को भी शामिल होना है। कर्मचारियों के आंदोलन की स्थिति इसका असर उक्त कार्यक्रम में पड़ेगा। इसके कार्यक्रम के अध्यक्ष जिले के उपायुक्त बनाए गए हैं। कर्मचारियों के आंदोलनरत होने की स्थिति में जिले के किरकिरी होनी तय है।

जिले के पदाधिकारी /प्रबंधक पर सहयोग नहीं करने का आरोप

जिले भर के कर्मचारियों का आरोप है लंबित मांगों के समाधान की दिशा में सकारात्मक रूप अपनाया नहीं जा रहा है। जिले के प्रबंधक से लेकर पदाधिकारी तक सहयोग नहीं कर रहे हैं। पीएफ से लेकर मानदेय के संबंध में बात करने पर अच्छे बर्ताव नहीं किए जाते है। आरोप ये भी है की सिविल सर्जन को गुमराह किया जा रहा है ताकि भुगतान न हो सके।तभी तत्कालीन सिविल सर्जन श्याम किशोर कांत के 14 जुलाई 2022 के आदेश पत्र के बाद वर्तमान सिविल सर्जन के आदेश से जारी पत्र से कार्यालय द्वारा भुगतान नहीं किया गया।

राज्य मुख्यालय तक हो चुकी है शिकायत

जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था के मनमानी का आरोप राज्य मुख्यालय तक पहुंच गई है। इसका ताजा उदाहरण तब देखने को मिला जब अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह के औचक निरीक्षण के दौरान प्रबंधक को हटाने का निर्देश दिया था और सिविल सर्जन को खूब फटकार लगाई थी।इसके बाबजूद कार्यशैली में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा। कर्मचारियों का होने वाला आंदोलन इस बात की पुख्ता कर रही है।

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