नीतीश कुमार की 10वीं पारी: बिहार के सबसे लंबे समय तक सीएम रहने वाले नेता की नई यात्रा
Nitish Kumar's 10th innings: A new journey for Bihar's longest-serving CM

बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार का सफर बेहद दिलचस्प और उतार-चढ़ाव भरा रहा है। Nitish Kumar Tenure कुल 9 कार्यकालों में फैला है, जिनमें कई बड़े राजनीतिक बदलाव, गठबंधन परिवर्तन और ऐतिहासिक फैसले शामिल हैं। उनका पहला कार्यकाल 3 मार्च 2000 को शुरू हुआ था, लेकिन बहुमत साबित न कर पाने के कारण यह सरकार सिर्फ 7 दिनों में गिर गई और यह बिहार के इतिहास का सबसे छोटा कार्यकाल माना जाता है।
उनका दूसरा कार्यकाल 24 नवंबर 2005 से 2010 तक चला, जहां एनडीए के साथ मिलकर उन्होंने भारी जीत हासिल की। इसी दौरान उन्होंने “सुशासन” अभियान की शुरुआत की, कानून-व्यवस्था में सुधार लाया और राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूती दी। 2010 में वे तीसरी बार सत्ता में लौटे, लेकिन 17 मई 2014 को राजनीतिक परिस्थितियों के चलते इस्तीफा दे दिया।
चौथा कार्यकाल फरवरी 2015 से नवंबर 2015 तक चला, जिसमें उन्होंने एनडीए छोड़कर RJD और कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई, लेकिन यह कार्यकाल भी बेहद छोटा रहा। नवंबर 2015 से 2017 तक चले उनके पांचवें कार्यकाल में उन्होंने शराबबंदी जैसा ऐतिहासिक फैसला लिया, जिसकी देशभर में चर्चा रही।
2017 में उन्होंने महागठबंधन छोड़कर फिर एनडीए का दामन थामा और छठा कार्यकाल 2020 तक चला। लॉकडाउन के बाद हुए चुनावों में वे सातवीं बार मुख्यमंत्री बने, हालांकि जेडीयू की सीटें कम रहीं। 10 अगस्त 2022 को उन्होंने दोबारा पाला बदलकर महागठबंधन का हिस्सा बनते हुए आठवीं बार शपथ ली।
लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले उन्होंने फिर एनडीए से हाथ मिला लिया और 28 जनवरी 2024 से नौवां कार्यकाल जारी है। वे 2025 का विधानसभा चुनाव भी एनडीए के साथ लड़ रहे हैं, जो उनकी राजनीतिक यात्रा का एक और महत्वपूर्ण अध्याय बन चुका है।









