झारखंड: हिंसक झड़प के बाद हुई गोलीबारी, दो लोगों को मारी गयी गोली, एक की गयी जान, एक की हालत गंभीर

Jharkhand: Firing broke out after a violent clash, two people were shot, one died, one is in critical condition.

Jharkhand News : झारखंड के गिरिडीह से जुड़ी है। जमुआ थाना क्षेत्र में दो वर्षों से बंद पड़ी पत्थर माइंस को जबरन शुरू करने को लेकर मंगलवार की सुबह हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान गोली चलने की खबर है, जिसमें दो लोगों को गोली लगी। घायल चचघरा निवासी सुरेश की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि दलिया निवासी अरविंद वर्मा गंभीर रूप से घायल है।

 

घटना के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि माइंस संचालक ने बाहरी गुंडों को बुलाकर गांव में दहशत फैलाने की कोशिश की।विवाद इतना बढ़ गया कि माइंस के समर्थन और विरोध में दो गुट आमने-सामने आ गए। इसी दौरान गोली चलने की खबर है, जिसमें दो लोगों को गोली लगी।

 

घायलों में दलिया निवासी अरविंद वर्मा और माइंस कर्मी सुरेश शामिल थे। इलाज के दौरान सुरेश की मौत हो गई, जबकि अरविंद गंभीर रूप से घायल है और उसका इलाज सदर अस्पताल में जारी है।सूत्रों के अनुसार, यह माइंस पिछले दो साल से बंद थी। ग्रामीणों का कहना है कि माइंस शुरू होने से पेयजल की भारी समस्या उत्पन्न हो जाएगी और पर्यावरण को नुकसान होगा।

 

वहीं, माइंस संचालक लगातार उत्पादन कार्य शुरू करने की कोशिश में लगा था। इसी मुद्दे पर सोमवार की रात से ही गांव में तनाव का माहौल बना हुआ था।घटना के बाद एसपी डॉ. बिमल कुमार के निर्देश पर खोरीमहुआ एसडीपीओ राजेंद्र प्रसाद के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी गई। फिलहाल गांव में पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके।

 

घायल अरविंद के पिता सुखदेव महतो ने बताया कि ग्रामीण लगातार माइंस शुरू करने का विरोध कर रहे थे, लेकिन माइंस संचालक ने सोमवार को नवादा (बिहार) से गुंडों को बुलाया था ताकि जबरन कार्य शुरू कराया जा सके। उन्होंने कहा कि सोमवार की शाम जब उनका बेटा अरविंद ट्रैक्टर से धान ला रहा था, तब माइंस के लोगों ने उसे धमकाया और रास्ता बदलने को कहा। इसके बावजूद जब मंगलवार सुबह अरविंद फिर से खेत से धान लाने गया, तो उस पर गोली चला दी गई।

 

इस गोलीबारी में अरविंद गंभीर रूप से घायल हो गया। वहीं, घटना में घायल हुए अन्य ग्रामीणों में रीतालाल प्रसाद वर्मा समेत चार लोग शामिल हैं, जिनका इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है। रीतलाल ने बताया कि पत्थर माफियाओं ने उनकी बेरहमी से पिटाई की।पुलिस सूत्रों का कहना है कि मृतक सुरेश माइंस का कर्मचारी था और वह मौके पर दोनों पक्षों के बीच हुई झड़प में फंस गया। उसकी मौत गोली लगने से हुई या मारपीट से, यह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ होगी।

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